नोएडा, : गुरुग्राम स्थित एक निजी कंपनी का कर्मचारी यहां मंगलवार को हिंडन विहार स्टेडियम के पास सर्विस लेन पर मृत पाया गया। मृतक की कार और अन्य सामान लापता है।
पुलिस ने यह जानकारी दी।
ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) के फिफ्थ एवेन्यू गौर सिटी के निवासी गौरव चंदेल का शव पाए जाने के बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और लूट का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने कहा कि चंदेल का शव हिंडन विहार स्टेडियम के पास सर्विस रोड पर तड़के 4 बजकर 15 मिनट पर पाया गया।
चंदेल के सिर पर चोट के निशान थे और उनकी एसयूवी कार घटनास्थल से गायब थी। पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, “चंदेल गुरुग्राम में एक निजी फर्म के लिए काम करते थे और पिछली रात जब वह घर लौट रहे थे तब यह घटना हुई।’’
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “उनकी कार ‘किया सेल्टोस’ गायब है। उनका मोबाइल फोन, लैपटॉप और बटुआ भी गायब है।”
चंदेल के परिजन के अनुसार उन्होंने घर पर दस बजकर 55 मिनट पर फोन किया था और परिवार को बताया था कि वह पर्थला चौक पर हैं और 45 मिनट में घर पहुंच जाएंगे।
एक पारिवारिक सूत्र ने कहा, “लेकिन वह 45 मिनट बाद भी घर नहीं पहुंचे और कॉल का जवाब देना बंद कर दिया, जिसके बाद उनकी (चंदेल) की पत्नी ने कुछ पड़ोसियों से पता लगाने का अनुरोध किया।”
परिजन और पड़ोसी पहले क्लियो काउंटी स्थित पुलिस चौकी पर पहुंचे और उसके बाद बिसरख पुलिस थाने गए जहां पुलिस अधिकारियों ने उनकी बात अनसुनी कर दी।
इसके बाद परिजन और पड़ोसी थाना छोड़कर खुद ही चंदेल को खोजने निकले और सुबह सवा चार बजे उनका शव पाया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ