नीति आयोग ने 'सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) इंडिया इंडेक्स' का दूसरा संस्करण लॉन्च किया जो 2030 एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा की जाने वाली प्रगति को व्यापक रूप से दर्शाया जाता है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, संयुक्त राष्ट्र (भारत) और ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट के सहयोग से विकसित किए गए एसडीजी इंडिया इंडेक्स को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने सदस्यों डॉ. रमेश चंद एवं डॉ. वी. के. पॉल; सीईओ अमिताभ कांत, संयुक्त राष्ट्र के निवासी समन्वयक रेनाटा डेसालियन; सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में सचिव एवं भारत के मुख्य सांख्यिकीविद श्री प्रवीण श्रीवास्तव और नीति आयोग की एसडीजी सलाहकार संयुक्ता समद्दर की उपस्थिति में लॉन्च किया था।
इसे लॉन्च करने के अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा, 'प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह सरकार भारत द्वारा एजेंडा 2030 की प्राप्ति सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है लेकिन हम संतुष्ट होकर बैठने वाले नहीं हैं। नीति आयोग ने क्षमता निर्माण के साथ-साथ इस दिशा में राज्य स्तर पर हो रही प्रगति की निगरानी करने के लिए स्वयं को प्रतिबद्ध कर दिया है। अगले पांच वर्षों में राज्यों के साथ अच्छे तालमेल की बदौलत एसडीजी के स्थानीयकरण में और तेजी आएगी तथा इसके साथ ही अपेक्षाकृत अधिक सुधार सुनिश्चित होगा।
संयुक्त राष्ट्र के निवासी समन्वयक रेनाटा डेसालियन ने कहा, 'वर्ष 2020 में समूचा विश्व एसडीजी प्राप्त करने की दृष्टि से अंतिम दशक में प्रवेश कर रहा है जो 'ठोस कदम वाला दशक' साबित होगा। जलवायु परिवर्तन पर गठित अंतर-सरकारी पैनल ने हमें बताया है कि जलवायु परिवर्तन के सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभावों से पृथ्वी को बचाने की दृष्टि से हमारे पास 12 साल शेष बचे हैं। अत: अब ठोस कदम उठाने का वक्त आ गया है। एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2.0 और डैशबोर्ड ने सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में एसडीजी की प्राप्ति की दिशा में हो रही प्रगति पर करीबी नजर रखने के साथ-साथ इस इस ओर तेजी से आगे बढ़ने में भी भारत को सक्षम बना दिया है।'
भारत का संयोजित स्कोर वर्ष 2018 के 57 से बेहतर होकर वर्ष 2019 में 60 के स्तर पर पहुंच गया है जो इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाता है। सर्वाधिक प्रगति लक्ष्य 6 (स्वच्छ जल एवं साफ-सफाई), लक्ष्य 9 (उद्योग, नवाचार एवं अवसंरचना) और लक्ष्य 7 (किफायती एवं स्वच्छ ऊर्जा) की प्राप्ति की दिशा में हुई है। वे तीनों ही राज्य यानी उत्तर प्रदेश, बिहार एवं असम, जो 'आकांक्षी' श्रेणी (0-49 की रेंज में स्कोर) में थे वे अब 'परफॉर्मर' श्रेणी (50-64 की रेंज में स्कोर) में चले गए हैं। इसी तरह पांच राज्य यथा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, गोवा और सिक्किम 'परफॉर्मर' श्रेणी से आगे बढ़कर 'फ्रंट रनर' श्रेणी में चले गए हैं। केरल ने 70 के स्कोर के साथ संयोजित एसडीजी इंडेक्स में प्रथम रैंक प्राप्त किया है। इसके बाद 69 के स्कोर के साथ हिमाचल प्रदेश दूसरे स्थान पर है। इसी तरह आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु 67 के स्कोर के साथ तीसरे पायदान पर हैं। वर्ष 2018 से लेकर अब तक जिसने सर्वाधिक सुधार दर्शाया है उनमें उत्तर प्रदेश (जो 29वें पायदान से ऊपर चढ़कर 23वें पायदान पर पहुंच गया है), ओडिशा (23वें पायदान से 15वें पायदान पर पहुंचा) और सिक्किम (15वें स्थान से 7वें स्थान पर पहुंचा) शामिल हैं। वैसे तो बिहार का स्कोर वर्ष 2018 के 48 से बेहतर होकर वर्ष 2019 में 50 हो गया है, लेकिन इस राज्य को संबंधित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अब भी काफी लंबा सफर तय करना होगा।
दुनिया अब एसडीजी के दौरे के पांचवें वर्ष में प्रवेश कर गई है। भारत का राष्ट्रीय विकास एजेंडा दरअसल एसडीजी में प्रतिबिंबित होता है। वैश्विक लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में भारत द्वारा की जा रही प्रगति पूरी दुनिया के लिए अत्यंत अहमियत रखती है क्योंकि विश्व की कुल आबादी का लगभग छठा हिस्सा भारत में ही रहता है।
एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2019 सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क (एनआईएफ) से प्राप्त 100 संकेतकों के मामले में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा की जा रही प्रगति पर करीब नजर रखता है।
एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2019 दरअसल विभिन्न लक्ष्यों और संकेतकों की व्यापक कवरेज की बदौलत प्रथम संस्करण की तुलना में कहीं ज्यादा सुदृढ़ है और एनआईएफ के साथ इसका सामंजस्य भी अपेक्षाकृत अधिक है।
इसके अलावा, इस वर्ष एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2019 में सभी 37 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के विवरण (प्रोफाइल) से जुड़ा एक नया खंड या अनुभाग है जो बिल्कुल स्पष्ट तरीके से सभी लक्ष्यों की दिशा में इनके द्वारा की जा रही प्रगति का आकलन करने में अत्यंत उपयोगी साबित होगा।
एसडीजी इंडिया इंडेक्स स्कोर के आधार पर वर्गीकरण पैमाना कुछ इस तरह से है:
- आकांक्षी : 0-49
- परफॉर्मर : 50-64
- फ्रंट रनर : 65-99
- अचीवर : 100
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