चंडीगढ़, : देश भर में गुरुद्वारों की देख रेख करने वाला संगठन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पाकिस्तान के ननकाना साहिब में गुरुद्वारे पर भीड़ के हमले के मामले में वहां की स्थिति का जायजा लेने के लिए अपना चार सदस्यीय शिष्टमंडल भेजेगा ।
ननकाना साहिब स्थित गुरुद्वारा में शुक्रवार को भीड़ हमले की कड़ी निंदा करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की पाकिस्तान सरकार से अपील की ।
लौंगोवाल ने कहा, ''पाकिस्तान में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमले की हम कड़ी निंदा करते हैं और पाकिस्तान सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने तथा वहां रह रहे सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील करते हैं।''
उन्होंने कहा, ''हम वहां स्थिति का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय शिष्टमंडल पाकिस्तान भेजेंगे।''
लौंगोवाल ने कहा कि यह शिष्टमंडल वहां सिख परिवारों से मुलाकात भी करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि शिष्टमंडल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेगा।
एसजीपीसी प्रमुख ने कहा कि इस शिष्टमंडल में राजिंदर सिंह मेहता, रूप सिंह, सुरजीत सिंह और राजिंदर सिंह शामिल होंगे ।
दूसरी ओर राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जो लोग संशोधित नागरिकता कानून का पूरे देश में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं उन्हें पड़ोसी मुल्क में अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले धार्मिक अत्याचार के बारे में और साक्ष्य की आवश्यकता है क्या ।
पुरी ने ट्वीट कर कहा कि हिंसक भीड़ ने गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमले के अलावा शुक्रवार को इस पवित्र जगह का नाम बदल कर ''गुलाम ए मुस्तफा'' रखने की धमकी दी।
गुरुद्वारा ननकाना साहिब को गुरुद्वारा जनम अस्थान के रूप में भी जाना जाता है और यह पाकिस्तान के लाहौर के निकट स्थित है जहां सिखों के पहले गुरू, गुरू नानक देव जी का जन्म हुआ था।
गौरतलब है कि शुक्रवार को भीड़ ने गुरुद्वारा पर कथित तौर पर हमला किया और पथराव किया था।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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