दंतेवाड़ा, : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने अपने पूर्व सहयोगी के छोटे भाई की हत्या कर दी।
दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यहां बताया कि जिले के कुआकोंडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत दुवालीकरका गांव में नक्सलियों ने अपने पूर्व सहयोगी बामन मंडावी के छोटे भाई लक्ष्मण मंडावी (26) की धारदार हथियार से हत्या कर दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लक्ष्मण का भाई बामन पूर्व में नक्सलियों का साथ छोड़कर स्थानीय पुलिस बल में भर्ती हो गया था जिससे नक्सली नाराज थे।
अधिकारियों के मुताबिक पुलिस को जानकारी मिली है कि सोमवार रात हथियारबंद नक्सली दुवालीकरका गांव पहुंचे और मंडावी को अपने साथ जंगल की ओर ले गए।
नक्सलियों ने वहां लक्ष्मण की धारदार हथियार से हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए।
उन्होंने बताया कि आज सुबह ग्रामीणों ने शव देखा तब उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद घटनास्थल के लिए पुलिस दल रवाना किया गया।
लक्ष्मण के शव को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल से नक्सलियों का पर्चा भी बरामद किया है। इस पर्चे में पूर्व में मारे गए नक्सली वर्गीस और लिंगा का बदला लेने की धमकी दी गयी है।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने घटना के लिए जिम्मेदार नक्सलियों की खोज शुरू कर दी है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लक्ष्मण के बड़े भाई बामन मंडावी ने पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। वह वर्ष 2008 से माओवादियों के साथ था। बामन माओवादियों के संगठन में मिलिट्री प्लाटून का डिप्टी कमांडर था। समर्पण के बाद बामन पुलिस बल में शामिल हो गया था।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र के आदिवासी अब नक्सलियों पर विश्वास नहीं कर रहे हैं जिससे नक्सली हताश हैं। हताशा की वजह से ही नक्सली आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के परिजनों को निशाना बना रहे हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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