मुम्बई, एक जनवरी: महाराष्ट्र के मंत्री एवं राज्य कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने बुधवार को कहा कि मंत्री ना बनाए जाने से नाराज विधायक संग्राम थोपटे को मना लिया गया है।
थोराट ने मंत्री पद को लेकर कांग्रेस में नाराजगी की खबरों को भी खारिज कर दिया।
कांग्रेस नेता ने पत्रकारों से कहा कि हर किसी को मंत्री नहीं बनाया जा सकता क्योंकि राज्य में तीन पार्टी के गठबंधन की सरकार है।
उन्होंने कहा, '' मैंने संग्राम थोपटे से कल रात बात की। कांग्रेस एक परिवार है और उन्हें उनका बकाया मिलेगा।''
कांग्रेस नेता ने कहा, '' चूंकि तीन पार्टियों के गठबंधन की सरकार है इसलिए हमें कम मंत्री पद मिले हैं।''
भोर से कांग्रेस विधायक थोपटे के समर्थकों ने उन्हें मंत्री ना बनाए जाने के विरोध में मंगलवार को पुणे में पार्टी कार्यालय पर हमला किया था।
पुलिस ने मंगलवार देर रात इस मामले में थोपटे के 19 समर्थकों को गिरफ्तार भी किया था, जिन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
थोराट ने पार्टी के भीतर मंत्री पद के बंटवारे को लेकर नाराजगी की खबरों को भी खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, '' विचार-विमर्श जारी है और आज विभागों के बंटावरे का ऐलान किया जा सकता है।''
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने करीब एक महीने पुराने अपने मंत्रिमंडल में सोमवार को विस्तार करते हुए अपने 29 वर्षीय बेटे आदित्य ठाकरे समेत 36 मंत्रियों को इसमें शामिल किया था। राकांपा नेता अजित पवार ने उपमुख्मयंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी।
इनमें राकांपा के 10 कैबिनेट एवं चार राज्य मंत्री, शिवसना के आठ कैबिनेट एवं चार राज्य मंत्री और कांग्रेस के आठ कैबिनेट एवं दो राज्य मंत्री शामिल हैं।
इसके साथ ही राकांपा के कुल 12 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री हैं। शिवसेना के 10 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री हैं जबकि कांग्रेस के 10 कैबिनेट और दो राज्य मंत्री हैं।
मुख्यमंत्री समेत राज्य में अब 43 मंत्री हैं। ठाकरे नीत महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के सत्ता में आने के एक महीने से ज्यादा समय बाद मंत्रिमंडल का यह विस्तार हुआ है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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