नयी दिल्ली, : दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन के द्वारका मोड़ स्टेशन पर बुधवार को एक 35 वर्षीय व्यक्ति ने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। अधिकारियों ने बताया कि इस सप्ताह के भीतर यह इस तरह का दूसरा मामला है।
उन्होंने बताया कि इस कोरिडोर पर थोड़े समय के लिए सेवाएं विलंबित रहीं। डीसीपी मेट्रो विक्रम पोरवाल ने बताया कि मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के करदीन गांव निवासी अंजनी कुमार राय के रुप में हुई है।
उन्होंने बताया, “वह दोपहर लगभग 12 बजे द्वारका मोड़ स्टेशन की पटरियों पर कूद गया जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल : डीडीयू : में उसे मृत घोषित कर दिया गया।”
पोरवाल ने बताया कि मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है जिससे आत्महत्या की वजह का पता चल सके।
दिल्ली मेट्रो अधिकारियों ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि वह व्यक्ति नोएडा की तरफ जाने वाली ट्रेन के सामने कूद गया।
उन्होंने बताया कि थोड़ी देर के लिए सुविधाएं बाधित रहीं लेकिन 15 मिनट के बाद फिर से बहाल कर दी गईं।
पुलिस ने बताया कि मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया गया है और घटना की जांच चल रही है।
मेट्रो की येलो लाइन के घिटोरनी स्टेशन पर 6 जनवरी को एक 42 वर्षीय व्यक्ति ने ट्रेन के सामने कूदकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी।
उसी दिन एक अन्य घटना में गले के कैंसर से पीड़ित एक 55 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर रेड लाइन के झिलमिल स्टेशन पर ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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