रायपुर, : छत्तीसगढ़ में रायपुर जिले की पुलिस ने नकली सीबीआई अधिकारी बन कर मंत्री से पैसे मांगने के आरोप में हिमाचल प्रदेश के एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
जिले के पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यहां बताया कि नकली सीबीआई अधिकारी बन राज्य के आबकारी मंत्री कवासी लखमा से पैसे मांगने के आरोप में पुलिस ने शिमला जिले के निवासी अंकुश शर्मा :21 वर्ष: को गिरफ्तार कर लिया है।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने यह कार्रवाई लखमा के निजी सुरक्षाकर्मी नोन सिंह बागरी की शिकायत पर की है।
उन्होंने बताया कि बागरी ने पुलिस में शिकायत की थी कि 20 दिसंबर को एक अज्ञात व्यक्ति ने लखमा को फोन किया और कहा कि वह सीबीआई अधिकारी है तथा जांच एजेंसी को उनके :लखमा के: खिलाफ शिकायत मिली है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फोन करने वाले ने मामले को सुलझाने के लिए दो लाख रूपए की मांग की थी। आरोपी ने बागरी को भी फोन कर संदेश मंत्री तक पहुंचाने के लिए कहा था।
उन्होंने बताया कि जब पैसे मांगने वाले व्यक्ति ने मंत्री और उनके सुरक्षाकर्मी को लगातार फोन किया तथा अपने बैंक एकाउंट में पैसा जमा करने के लिए कहने लगा तब सुरक्षा कर्मी ने पुलिस से संपर्क किया।
बाद में पुलिस ने मंत्री के सुरक्षाकर्मी की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया।
उन्होंने बताया कि जांच में जानकारी मिली कि फोन करने वाला व्यक्ति हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले का निवासी है, तब पुलिस दल को शिमला भेजा गया तथा युवक को गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी युवक शिमला जिले के कुफ्फेर गांव का निवासी है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है तथा उसे जल्द ही रायपुर लाया जाएगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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