सिडनी, : आस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर ब्रेक ले रहे हैं और भारत दौरे पर नहीं जाएंगे जहां उनके वरिष्ठ सहायक एंड्रयू मैकडोनाल्ड 14 जनवरी से शुरू हो रही तीन एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला में टीम का मार्गदर्शन करेंगे।
मैकडोनाल्ड पहली बार राष्ट्रीय पुरुष टीम के प्रभारी की भूमिका में होंगे और लैंगर को भरोसा है कि 38 साल का यह पूर्व तेज गेंदबाज अपनी नई भूमिका में सफल रहेगा।
‘सिडनी मार्निंग हेराल्ड’ ने लैंगर के हवाले से कहा, ‘‘उसे बहुत अच्छा मौका मिला है। क्रिकेट से जुड़ी चीजों को लेकर मुझे अपने कोचिंग स्टाफ पर अब काफी भरोसा है। अब काफी बार मैं क्रिकेट के बारे में 30 प्रतिशत समय ही सोचता हूं, बाकी समय मैं अन्य चीजों के बारे में सोचता हूं- बड़ी तस्वीर क्या होगी, टीम की संस्कृति आदि।’’
न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में 3-0 से क्लीनस्वीप करने वाले आस्ट्रेलिया को अब तीन एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला के लिए भारत दौरे पर जाना है जबकि इसके बाद टीम बांग्लादेश में दो टेस्ट की श्रृंखला खेलेगी।
लैंगर ने कहा, ‘‘वह शानदार कोच है, उसका साथ देने के लिए और बेहतरीन कोच भी हैं। मैंने उसे कहा कि मैं फोन पर उससे बात नहीं करूंगा, मैं उसे पूरी स्वत्रंता दूंगा। उसने कहा कि मैं तुम्हें फोन कर सकता हूं, यही अंतर है। वह काफी अच्छा काम करेगा।’’
घरेलू सत्र में आस्ट्रेलिया का दबदबा देखने को मिला जहां उसने न्यूजीलैंड से पहले पाकिस्तान का भी टेस्ट श्रृंखला में 2-0 से सूपड़ा साफ किया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ