सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

केन्‍द्र सरकार ने राष्‍ट्रीय स्‍टार्टअप सलाहकार परिषद को अधिसूचित किया

केन्‍द्र सरकार ने सतत आर्थिक विकास को संचालित करने और बड़े स्‍तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्‍य से देश में नवाचार और स्‍टार्टअप्‍स को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण हेतु सरकार को आवश्‍यक सुझाव देने के लिए राष्‍ट्रीय स्‍टार्टअप सलाहकार परिषद की संरचना को अधिसूचित किया है। इसके सदस्‍यों के नाम बाद में सूचित किए जाएंगे।


      यह परिषद नागरिकों और खासकर छात्रों में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों सहित पूरे देश में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ाने, उत्‍पादकता और दक्षता में सुधार लाने के लिए अनुसंधान एवं विकास के जरिए सृजनात्‍मक एवं अभिनव विचारों को मूल्‍यवान उत्‍पादों, प्रक्रियाओं या समाधान में बदलने में मदद करने और उद्योग में नवाचारों के लिए पर्यावरण का निर्माण करने में सुझाव देगी। यह सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार, सृजन को बढ़ावा, संरक्षण और बौद्धिक संपदा अधिकार के व्‍यावसायीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से नवाचार को सम्मिलित करने में सार्वजनिक संगठनों को मदद, विनियामक अनुपालन और लागत को कम करते हुए व्‍यापार शुरू करने, संचालित करने, विकसित करने और व्‍यापार बंद करने को आसान बनाने, स्‍टार्टअप्‍स के लिए पूंजी तक पहुंच को आसान बनाने, स्‍टार्टअप्‍स में घरेलू पूंजी के निवेश को प्रोत्‍सहित करने, भारतीय स्‍टार्टअप्‍स में निवेश के लिए वैश्विक पूंजी आकर्षित करने, मूल प्रमोटरों के साथ स्‍टार्टअप्‍स पर नियंत्रण बनाए रखने और भारतीय स्‍टार्टअप्‍स के लिए वैश्विक बाजार उपलब्‍ध कराने में भी सुझाव देगी।


राष्‍ट्रीय स्‍टार्टअप सलाहकार परिषद की अध्‍यक्षता वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री करेंगे। इस परिषद में गैर-आधिकारिक सदस्‍य होंगे, जिन्‍हें केन्‍द्र सरकार सफल स्‍टार्टअप्‍स के संस्‍थापकों, भारत में कंपनी बनाने और उसे विकसित करने में अनुभवी व्‍यक्तियों, स्‍टार्टअप्‍स में निवेशकों के हितों का प्रति‍निधित्‍व करने में सक्षम लोगों, इन्‍क्‍यूबेटरों एवं उत्‍प्रेरकों के हितों का प्रतिनिधित्‍व करने में सक्षम लोगों और स्‍टार्टअप्‍स के हितधारकों के संघों एवं औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों जैसे विभिन्‍न वर्गों से नामांकित करेगी। स्‍टार्टअप्‍स सलाहकार परिषद के गैर आधिकारिक सदस्‍यों का कार्यकाल दो वर्ष का होगा।


संबंधित मंत्रियों/विभागों/संगठनों के नामित व्‍यक्ति जो भारत सरकार में संयुक्‍त सचिव के पद से नीचे का नहीं हो, परिषद के पदेन सदस्‍य होंगे। उद्योग एवं आंतरिक व्‍यापार संवर्धन विभाग के संयुक्‍त सचिव परिषद के संयोजक होंगे।  


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...