वाशिंगटन, : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि भारत के साथ शांति के लिए पाकिस्तान कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार नहीं है और ‘‘कश्मीर मुद्दे को न्यायोचित ढंग से हल किए बगैर’’ तो बिल्कुल भी नहीं।
कुरैशी ने सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) थिंक टैंक को यहां बृहस्पतिवार को संबोधित करते हुए पाकिस्तान की मांग को दोहराया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए मध्यस्थता करनी चाहिए।
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के भारत के पांच अगस्त के फैसले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं। पाकिस्तान ने इस कदम का कड़ा विरोध किया था।
पाकिस्तान इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिश करता रहा है।
कुरैशी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार पड़ोस में शांति चाहती है। आर्थिक सुधार और विकास के लिए अपना घरेलू एजेंडा हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए हमें शांति की जरूरत है, लेकिन हम भारत के साथ शांति के लिए कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार नहीं है, खासतौर से अपनी प्रतिष्ठा की कीमत पर और न्यायोचित ढंग से कश्मीर विवाद को हल किए बगैर तो बिल्कुल भी नहीं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि गरीबी और भुखमरी से लड़ने के बजाय ‘‘आरएसएस प्रेरित भाजपा सरकार ने भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने की परियोजना शुरू कर दी है’’।
उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को भारत ने सभी संबंधित अंतरराष्ट्रीय कानूनों को तोड़कर तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का ‘‘उल्लंघन’’ करके जम्मू कश्मीर का ‘‘विवादित दर्जा’’ बदलने की कोशिश की और उसके जनसांख्यिकीय ढांचे को ‘‘बदल’’ दिया।
कुरैशी ने कहा कि भारत कश्मीरी लोगों को उनके घरों में कैद करके और संचार पाबंदियों को लागू करके उनकी इच्छाशक्ति को तोड़ने की कोशिश कर रहा है जो आज भी जारी है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने पूछा, ‘‘भारत का यह कहना कि कश्मीर उसका आंतरिक हिस्सा है, सुरक्षा परिषद के एजेंडे में इसका होना इस बात का दृढ़ता से खंडन करता है। अगर ऐसा नहीं है तो फ्रांस के राष्ट्रपति भारतीय प्रधानमंत्री के साथ इसे क्यों उठाते?’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि राष्ट्रपति ट्रम्प कश्मीर स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं और हम कश्मीर विवाद को हल करने में मध्यस्थता की उनकी बार-बार की गई पेशकश का स्वागत करते हैं।’’
वाशिंगटन डीसी की अपनी दो दिवसीय यात्रा में कुरैशी का विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन से शुक्रवार को मुलाकात करने का कार्यक्रम है। उन्होंने बृहस्पतिवार को यूएस कैपिटोल में सांसदों से मुलाकात की।
अपने भाषण में कुरैशी ने एक भारतीय पुलिस अधिकारी की हाल ही में गिरफ्तारी का भी जिक्र किया।
कुरैशी ने कहा, ‘‘इस बीच, हमने भारतीय पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह को पकड़े जाने की रिपोर्ट देखीं, जिसकी कुछ बड़े आतंकवादी हमले में संलिप्तता देखी जा रही है। इसकी साजिश भारत ने खुद रची और वह पाकिस्तान को इसका जिम्मेदार ठहराता है।’’
मंत्री ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी पारित करने से लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता जैसे आदर्शों के बारे में बुनियादी सवाल पैदा हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हर दूसरे दिन भारत के सैन्य अधिकारी या नेता पाकिस्तान को धमकियां देते रहते हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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