मुंबई, : शिवसेना की औरंगाबाद इकाई में दरार की रिपोर्टों और राज्य सरकार के एक मंत्री के इस्तीफा देने की अटकलों के बीच भाजपा के राज्यसभा सांसद नारायण राणे ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र की उद्वव ठाकरे नीत सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी।
राणे ने सोलापुर में संवाददताओं से बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार के गठन के एक माह बीतने के बाद भी मंत्रियों को विभाग का बंटवारा नहीं किया गया है।
उन्होंने दावा किया,''मंत्रियों ने बंगले और कार्यालय केबिन तो ले लिए हैं लेकिन अब भी उनके पास विभाग नहीं हैं। यह सरकार काम नहीं कर रही है।''
राणे ने ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि शिव सेना प्रमुख को कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं है।
शिव सेना के अब्दुल सत्तार के इस्तीफा देने की अटकलों के बीच राणे ने कहा कि इस सरकार की उम्र ज्यादा लंबी नहीं है, और विधायक इसी राह पर चलेंगे। यह तो शुरुआत भर है।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सत्तार ने इस्तीफा दिया है। शिव सेना के वरिष्ठ नेता अनिल देसाई और पूर्व विधायक अर्जुन खोटकर ने कहा कि सत्तार ने इस्तीफा नहीं दिया है, वहीं सिल्लोड से विधायक इस मामले में पूरे दिन चुप्पी साधे रहे।
इससे पहले दिन में औरंगाबाद से पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने सत्तार पर भाजपा को जिला परिषद में उपाध्यक्ष पद जीतने में मदद करने का आरोप लगाया था।
सत्तार अक्टूबर में राज्य विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर शिव सेना में शामिल हुए थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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