हैदराबाद, : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी परस्पर लाभ पहुंचाने संबंधी हुए समझौते के मामलों में अपने खिलाफ चल रहे मुकदमे की सुनवाई के सिलसिले में शुक्रवार को यहां सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश हुए।
जगन ने 30 मई, 2019 को प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला था, इसके बाद मुकदमे की सुनवाई के लिए वह अदालत में पहली बार पेश हुए।
विशेष न्यायाधीश ने तीन जनवरी को जगन की निजी पेशी से छूट देने की याचिका को खारिज करते हुये कहा कि उन्हें सुनवाई के लिए पेश होने का आदेश दिया था।
जगन के साथ, उनके करीबी सहयोगी और वाईएसआर कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य व इस मामले के एक आरोपी वी विजयसाई रेड्डी भी अदालत में पेश हुए।
मुख्यमंत्री की अदालत में पेशी के मद्देनजर अदालत परिसर के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई।
वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष को इससे संबंधित कम से कम 11 मामलों में मुख्य आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।
गौरतलब है कि ये मामले 2004 और 2009 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में उनके दिवंगत पिता वाई एस राजशेखर रेड्डी के कार्यकाल के दौरान जगन की कंपनियों में विभिन्न कंपनियों द्वारा किए गए निवेश और उन कंपनियों को उसके एवज में लाभ पहुंचाने से संबंधित से जुड़े हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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