नोएडा, : उत्तर प्रदेश के नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र में रहने वाले एक अभियंता ने बेरोजगारी से तंग आकर गुरूवार को अपने घर पर पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
थाना बिसरख के प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार पाठक ने बताया कि मरने वाले इंजीनियर की पहचान सुरेंद्र घन्शानी के रूप में हुई है ।
उन्होंने बताया कि जुलाई में नौकरी जाने के बाद से सुरेंद्र मानसिक तनाव में थे। बेरोजगारी के चलते आज सुबह को उन्होंने अपने घर पर पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया।
थाना प्रभारी ने बताया कि घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
दूसरी ओर एक अन्य घटनाक्रम में पुलिस ने बताया कि बीटा दो थाना क्षेत्र के कमर्शियल बेल्ट के पास आज सुबह हथियारबंद बदमाशों ने बिक्री कर के अवकाश प्राप्त आयुक्त के चालक गौरव से दो लाख रुपये लूट लिया। घटना की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उल्लेखनीय है कि कल शाम को भी थाना बीटा-2 क्षेत्र के वेनिस मॉल के पास से बदमाशों ने एक व्यापारी से साढे चार लाख रुपया लूट लिया था।
पुलिस ने एक अन्य मामले बताया कि सेक्टर 49 थाना क्षेत्र के सर्फाबाद गांव में रहने वाले एक खबरिया चैनल के पत्रकार अमर सैनी के साथ बीती रात मारुति स्विफ्ट कार में सवार तीन लोगों ने मारपीट कर, जान से मारने की धमकी दी।
उन्होंने बताया कि इस मामले में पीड़ित ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करायी है ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ