वाराणसी, : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वालों को जेल भेजने एवं उनके खिलाफ गंभीर मामला दर्ज करने के खिलाफ ‘हम संघर्ष करते रहेंगे और देश की आवाज उठाते रहेंगे, क्योंकि सरकार जो कर रही है वह संविधान के खिलाफ है ।’ प्रियंका वाराणसी में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान जेल गये कार्यकर्ताओं से बात करने के बाद यहां पत्रकारों से बात कर रही थी ।
उन्होंने कहा, 'शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वालो को जेल में रखा गया, इनमें से एक, एकता जी की छोटी बच्ची उनका इंतजार कर रही थी । मैं इन सब से मिलना चाह रही थी । इन लोगों ने मुझसे बात की और बताया कि उनके साथ क्या क्या हुआ, बहुत अन्याय हुआ है उन सबके साथ ।’’
प्रियंका ने कहा, ‘‘वे शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे और कोई ऐसी बात नही थी लेकिन सबको जेल में पटक दिया गया । पन्द्रह दिन वहां रखा और अलग अलग उन पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है । मुझे उन पर बहुत गर्व है कि इन लोगो ने इतना संघर्ष किया । हम संघर्ष करते रहेंगे और देश की आवाज उठाते रहेंगे क्योंकि सरकार जो कर रही है संविधान के खिलाफ है।'
इससे पहले कांग्रेस महासचिव शुक्रवार को वाराणसी पहुंची और वह संत रविदास मंदिर गयी जहां उन्होंने प्रार्थना किया ।
कांग्रेस महासचिव वहां से इसके बाद पंचगंगा घाट गयी जहां उन्होंने वहां स्थित श्रीमठ में पूजन एवं दर्शन किया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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