भुज, : गुजरात के कच्छ जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल टेंट सिटी में चल रहे 'रण उत्सव' में बृहस्पतिवार सुबह मामूली आग लगने से दो तंबू जलकर नष्ट हो गए। घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है।
हालांकि एक प्रवासी भारतीय परिवार ने दावा किया कि हादसे में उनका सारा सामान जल गया।
अधिकारी ने कहा कि तंबू बुक कराने वाले कुछ पर्यटकों के अनुसार पानी गर्म करने वाली मशीन में शॉर्ट-सर्किट की वजह से आग लगी है लेकिन आग लगने के सही कारण का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
अग्निशमन अधिकारी अनिल मारू ने कहा, "सुबह टेंट सिटी में दो तंबू आग की चपेट में आ गए थे। कोई भी इस घटना में घायल नहीं हुआ है क्योंकि सभी लोग नाश्ते के लिए बाहर गए थे। टेंट सिटी में तैनात हमारे दमकल वाहनों ने आग पर काबू पा लिया।”
गुजरात सरकार द्वारा चयनित एक निजी ऑपरेटर द्वारा संचालित टेंट सिटी कच्छ के भुज शहर से लगभग 80 किलोमीटर दूर गांव ढोर्डो में स्थित है।
दिसंबर और फरवरी के बीच मनाए जाने वाले संगीत और नृत्य समारोह 'रण उत्सव' के दौरान दुनिया भर के पर्यटक लगभग 350 तंबुओं वाले टेंट सिटी में ठहरने के लिए आते हैं।
किसी के घायल होने की सूचना नहीं मिली है लेकिन एक एनआरआई परिवार ने दावा किया कि उन्होंने आग में अपना सारा सामान खो दिया।
परिवार के सदस्यों ने यह भी दावा किया कि आग के कारण कम से कम चार तंबू नष्ट हो गए। परिवार के एक सदस्य ने कहा, "आग ने चार तंबुओं को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। प्रबंधन ने आग बुझाने का कोई प्रयास नहीं किया। हमने अपने सभी कपड़े, कीमती सामान, क्रेडिट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और दो पासपोर्ट खो दिए।"
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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