बेंगलुरु, : सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एसआईटी ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी ।
एसआईटी ने एक वक्तव्य में कहा कि रुशिकेश देवदिकर उर्फ मुरली (44) फरार चल रहा था, उसे बृहस्पतिवार को झारखंड के धनबाद जिले के कतरास में उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया।
जांच दल के मुताबिक आरोपी, लंकेश की हत्या की साजिश का हिस्सा है और वह इस मामले में 18 वां आरोपी है।
एसआईटी ने कहा, ‘‘सबूतों के लिए उसके घर की तलाशी ली जा रही है और उसे न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा।’’
वाम रूझान वाली पत्रकार लंकेश की पांच सितंबर 2017 को उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या का संदेह एक ऐसे समूह के सदस्य पर गया था जो दक्षिणपंथी विचारधारा से प्रेरित था।
जांचकर्ताओं ने कहा कि समूह ने ऐसे लोगों की सूची तैयार की थी जिनकी वह हत्या करना चाहता था और उस सूची में रंगकर्मी गिरिश कर्नाड और तर्कवादी के.एस. भगवान का भी नाम था।
एसआईटी को पता चला कि लंकेश की हत्या की साजिश उसी दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों ने रची जिन पर तर्कवादी एम.एम.कलबुर्गी की हत्या का आरोप है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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