लखनऊ। भाजपा राज में विकास, तरक्की और रोजगार पर तो ग्रहण लग गया है पर भ्रष्टाचार को छूट मिल गई है। सुनील सिंह ने कहा है कि भाजपा सरकार प्रदेश में विकास के नाम पर सिर्फ खेल तमाशा कर रही है। भारतीय जनता पार्टी की गलत आर्थिक नीतियों के चलते पूरे देश एवं प्रदेश में महामन्दी के चलते लोग अपनी नौकरियां, रोजगार गंवा रहे हैं युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है, आम जनता मंहगाई से त्रस्त है, वहीं दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर भाजपा भ्रष्टाचार और लूट को जारी रखे हुए है। मुख्यमंत्री जी प्रदेश की वन ट्रिलियन डालर एकोनाॅमी का सपना दिखाते हैं परन्तु हालात यह है कि प्रदेश में न तो कानून व्यवस्था के हालात ठीक हैं और नहीं उद्योगों के लिए अनुकूल अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध हैं। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब प्रदेश में हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं न घटती हों। बच्चियां तक दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं। अपराधी बेलगाम हैं। जेल तक से वे अपना धंधा बेखौफ चला रहे है। प्रदेश में बिजली संकट बरकरार हैं। रोजाना कटौती हो रही है। इसके बावजूद बिजली की दरों में भारी इजाफा हो गया है। बिजली के दामों में वृद्धि करके आम जनता की कमर तोड़ने का काम भाजपा की सरकार कर रही हैसरकार ने अब तक साफतौर पर यह नहीं बताया है कि पिछले दो आयोजनों में कितना पूंजीनिवेश हुआ है और कितने नए उद्योग लगे हैं। वस्तुस्थिति तो यह है कि भाजपा सरकार नए निवेशक लाने में पूर्णतया असफल साबित हुई है। बारबार वह उन्हीं निवेशकों का नाम ले रही है इनके स्थापित उद्योग ही अब तक चल रहे हैं। भाजपा के पहले के आयोजनों से न नया निवेश आया और नहीं उद्योग लगे। बल्कि जो रोजगार थे वे भी समाप्त हो गए। गरीब, किसान और नौजवान भाजपा सरकार की अनाड़ी नीति-रीति के चलते सर्वाधिक परेशान है। भाजपा की चिंता में अर्थव्यवस्था सबसे आखिर में है। विकास की गति ठहरी हुई है, उसे गति नहीं मिल रही है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट जारी है। रूपया डालर के मुकाबले काफी नीचे गिर गया है।
मुख्यमंत्री जी बातें बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन हकीकत में भाजपा सरकार में निवेशकों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। सरकार की इंटीग्रेटेड टाउनशिप के तहत जिन डेवलपर्स ने अपने प्रोजेक्ट प्लान कर रखे हैं उनकी डीपीआर महीनों से मंजूर न किए जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं। अफसरशाही के चलते निवेशक निराश हैं और अपने को अपमानित महसूस कर रहे हैं भाजपा राज में अवस्थापना सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं है। सड़के खस्ताहाल हैं। खुद केन्द्रीय रक्षामंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ आउटर रिंग में चार महीने पहले बनी 14 किलोमीटर की सड़क 18 जगह धंस गई। सड़कों को गड्ढामुक्त करने की योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। जब बिजली, पानी, सड़क के साथ सुरक्षा का भी अभाव होगा तो कौन निवेशक प्रदेश में उद्योग लगाने आएगा?
सच तो यह है कि निवेशकों को धोखा देने के लिए क्ममिदबम मगचवए इन्वेस्टर्स मीट और ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के नाम पर सिर्फ करोड़ों रूपए बहाकर अपव्यय और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी की बात अफसरशाही मानती नहीं है, उसका वसूली का फंडा जारी है। भाजपा सरकार ने विकास के नाम पर कुछ किया नहीं, ऐसे ही लगभग ढाई साल में नौटंकी करके निकाल दिए। पूंजी निवेश के नाम पर भाजपा प्रदेश की जनता को भ्रमित करने में लगी है। राज्य के विकास से भाजपा का दूर-दूर तक कोई वास्ता नही है, धोखा के अलावा और कुछ नहीं।भाजपा की केन्द्र और सरकार ने देश को आर्थिक अराजकता, मंदी, अपराध और लोकतंत्र के अवमूल्यन की दिशा में धकेलने का काम किया है ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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