नयी दिल्ली, : एक और साल बीत गया और देखते-देखते 21वीं सदी ने 20वें बरस में प्रवेश कर लिया। यू तो नए साल में शोर शराबा, हल्ला गुल्ला और जश्न का माहौल होता है, लेकिन इतिहास में साल के पहले दिन एक दुखद घटना भी दर्ज है। वर्ष 1978 में एयर इंडिया का एक विमान आज ही के दिन 213 यात्रियों के साथ समु्द्र में समा गया था। सम्राट अशोक नाम का यह बोइंग 747 विमान बंबई (अब मुंबई) के अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ क्षण बाद ही किसी यांत्रिक खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में सवार लोगों में 190 यात्री और चालक दल के 23 सदस्य थे।
घटना के फौरन बाद यह आशंका जताई गई कि यह किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है, लेकिन समुद्र से मिले विमान के मलबे की जांच से यह सिद्ध हो गया कि यह एक हादसा था और यह किसी हमले या साजिश का शिकार नहीं हुआ।
देश दुनिया के इतिहास में दर्ज साल के पहले दिन की चंद और घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1664 : शिवाजी महाराज ने सूरत अभियान की शुरूआत की।
1804 : हैती ने फ्रांस से अपनी आजादी का ऐलान किया।
1862 : भारतीय दंड संहिता और अपराध प्रक्रिया संहिता को लागू किया गया। इसे 6 अक्तूबर 1860 को मंजूरी दी गई थी।
1880 : मनी आर्डर प्रणाली की शुरूआत।
1925 : अमेरिका के टेलीफोन और टेलीग्राफ की शोध शाखा के रूप में 'बेल लेबोरेटरीज' की स्थापना। 1948 : भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की शिकायत की कि वह कश्मीर घाटी में हमलावरों को भेज रहा है।
1959 : फिदेल कास्रो के नेतृत्व में बागी लड़ाकों ने क्यूबा के तानाशाह फ्लुजेंसियो बतिस्ता का तख्ता पलट दिया और उसे वहां से भागना पड़ा।
1978 : एयर इंडिया का विमान दुर्घटनग्रस्त होकर समुद्र में गिरा।
1984 : छोटे से संपन्न एशियाई देश ब्रुनेई ने ब्रिटेन से आजादी का ऐलान किया। अपने तेल और प्राकृतिक गैस भंडार के चलते दो लाख की आबादी वाला यह देश हर वर्ष अरबों डॉलर कमाता है और पूरे एशिया में इसकी प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है।
1992 : नये साल की पूर्व संध्या पर जश्न मनाते हुए बम्बई :अब मुंबई: में जहरीली शराब पीने से कम से कम 91 लोगों मौत हो गई।
2011 : ओपरा विनफ्रे नेटवर्क की शुरूआत।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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