नयी दिल्ली , : वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल समेत प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ने समायोजित सकल आय (एजीआर) मामले में शीर्ष अदालत के फैसले में कुछ निर्देशों की समीक्षा के लिए दायर अपनी याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई की बुधवार को मांग की।
भारती एयरटेल , वोडाफोन आइडिया और अन्य दूरसंचार कंपनियों पर पुरानी वैधानिक देनदारियों के रूप में सरकार का 1.47 लाख करोड़ रुपये का बकाया है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष खुली अदालत में सुनवाई की मांग वाली याचिका पेश की गई। उन्होंने कहा कि वह इस पर मुख्य न्यायाधीश एस . ए . बोबडे से बात करेंगे और उसकी के अनुरूप फैसले लेंगे।
शीर्ष न्यायालय ने 24 अक्टूबर को दूरसंचार विभाग द्वारा तैयार की गई एजीआर की परिभाषा को बरकरार रखा था जबकि दूरसंचार कंपनियों की ओर से उठाई गई आपत्तियों को खारिज कर दिया।
मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा था कि भारती एयरटेल ने अपनी याचिका में समायोजित सकल आय से जुड़े ब्याज , जुर्माने और जुर्माने पर ब्याज लगाने के निर्देश की समीक्षा की मांग की है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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