पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए) के एक महीने तक चलने वाले व्यापक वार्षिक ईंधन संरक्षण अभियान 'सक्षम' का शुभारंभ नयी दिल्ली में आयोजित एक समारोह में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव डॉ. एम एम कुट्टी द्वारा किया गया।
डॉ. कुट्टी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में देश के लिए पेट्रोलियम उत्पादों के महत्व पर जोर दिया और ईंधन संरक्षण की दिशा में कदम उठाने की सख्त जरूरत बताई। उन्होंने जनभागीदारी वाले सक्षम जैसे कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “समृद्धि और बेहतर होते जीवन स्तर के कारण देश में ऊर्जा की मांग बढ़ रही है। वर्ष 2020 के मध्य तक भारत वैश्विक ऊर्जा मांग में 25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दुनिया का सबसे बड़ा विकसित बाजार होगा। उन्होंने कहा कि देश की कच्चे तेल की 83 प्रतिशत आवश्यकता आयात के माध्यम से पूरी होती है। ऐसे में ईंधन संरक्षण के सघन प्रयास आयात के बोझ को कम करने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बचाए गए तेल की हर बूंद विदेशी मुद्रा की बचत में योगदान करेगी। डा. कुट्टी ने कहा कि हमें जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सक्षम के माध्यम से हम यह सशक्त संदेश देना चाहते हैं कि एक टिकाऊ भविष्य के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण बेहद जरुरी है।
इस अवसर पर सचिव ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता -2019 के लिए निबंध, प्रश्नोत्तरी और चित्रकला प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए, जिसमें देश के सभी शिक्षा बोर्डों के 1.48 करोड़ से अधिक छात्रों की अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई है। विजेताओं को अध्ययन के लिए जापान की यात्रा करने का अवसर , लैपटॉप, टैबलेट और नकद पुरस्कार दिया जाता है। ये पुरस्कार देश के युवाओं को ईंधन संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझने में मदद कर सकते हैं। ईंधन संरक्षण के क्षेत्र में योगदान के लिए तेल कंपनियों और उनके राज्य स्तर के समन्वयकों को भी पुरस्कार दिए गए। इस अवसर पर प्रतियोगिता के विजेताओं द्वारा बनाए गए चित्रों और पेंटिंग की गैलरी में लगायी गयी प्रदर्शनी ने गणमान्य लोगों को अभिभूत किया।
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