लखनऊ, : पंचायती राज विभाग में परफार्मेन्स ग्रान्ट में हुई अनियमितता एवं घोटाले के जरिए जनता की गाढ़ी कमाई भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी। केन्द्र सरकार द्वारा तय मानकों के अन्तर्गत अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों में बेहतर प्रदर्शन एवं निश्चित आय करने वाली ग्राम पंचायतों को उनके विकास के लिए अतिरिक्त धन आवंटित किया जाता है, किन्तु प्रदेश सरकार एवं उनके चहेते अधिकारियों की मिलीभगत से अपात्र ग्राम पंचायतों को भी सम्मिलित करते हुए लगभग 700 करोड़ रूपये निर्गत कर भ्रष्टाचार किया गया। उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2017 में तत्कालीन पंचायती राज निदेशक विजय किरन आनन्द ने राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन द्वारा की गयी अनियमितता की शिकायत एवं चल रही जांच के दौरान ही दुबारा लगभग 394 करोड़ रूपये परफार्मेन्स ग्रान्ट जारी कर इस सरकार मंे भ्रष्टाचार का खुला खेल होने का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। ज्ञात हो कि श्री आनन्द मुख्यमंत्री के चहेते अधिकारियों में शामिल हैं और कुम्भ मेले के आयोजन की जिम्मेदारी भी इन पर थी और उसमें भी करोड़ों रूपये के व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। विजिलेन्स की जांच में कुछ अधिकारियों पर मुकदमें दर्ज किए गए किन्तु श्री विजय किरन आनन्द पर मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन द्वारा की शिकायत के आधार पर कहा कि चैदहवें वित्त आयोग के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों को मिलने वाली परफार्मेन्स ग्रान्ट की लगभग 700 करोड़ रूपये की धनराशि बिना प्रचार-प्रसार के और ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव मांगे बगैर अपात्र ग्राम पंचायतों को भी हस्तानान्तरित कर दिये गये तथा 60 हजार पंचायतों में से लगभग 1700 पंचायतों में यह धनराशि वितरित की गयी। हास्यास्पद यह है कि जिन निदेशक पंचायती राज एवं उप निदेशक पंचायती राज के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये जा रहे थे शासन ने उन्हीं को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। इन्होने आनन-फानन में पन्द्रह दिन में जांच करा भ्रष्टाचार को ढकने की कोशिश की। कैग की रिपोर्ट में भी अनियमितता उजागर हुई और मात्र 56 ग्राम पंचायतों में ही कार्य की बात कही गयी। इसके बाद सरकार ने भ्रष्टाचार को छिपाने एवं चहेते अधिकारियों को बचाने के लिए लीपापोती शुरू कर दी। उन्होने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को इस बात का जवाब प्रदेश की जनता को देना चाहिए कि जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने वाले ऐसे अधिकारियों को संरक्षण कौन दे रहा है?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बगैर सरकार के संरक्षण के इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार नहीं हो सकता। उन्होने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही सुनिश्चित नहीं की गयी तो कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक पुरजोर तरीके से लड़ेगी, किसी भी स्तर पर जनता की गाढ़ी कमाई लुटने नहीं दी जाएगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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