नयी दिल्ली, : माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस मोदी सरकार की ‘‘कठपुतली’’ है। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल करते हुए जेएनयू हमला मामले की अदालत की निगरानी में जांच कराने की मांग की।
येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली पुलिस सीधे तौर पर (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह के अधीन आती है। इसका व्यवहार, दृष्टिकोण और रवैया यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि यह मोदी सरकार की कठपुतली है। पूर्वाग्रह से ग्रस्त पुलिस जांच की कोई विश्वसनीयता नहीं है। अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच किए जाने की आवश्यकता है और इसमें केंद्र सरकार का आचरण भी शामिल हो।’’
गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में रविवार रात लाठियों और लोहे की छड़ों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था।
इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित कम से कम 35 लोग घायल हो गए थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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