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दीपिका के जेएनयू जाने की पूरे देश में चर्चा

नयी दिल्ली, :  जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा के बाद जेएनयू जाने के लिए बॉलीवुड स्टार दीपिका पादुकोण को फिल्म बिरादरी समेत अन्य लोगों से काफी प्रशंसा मिल रही है, लेकिन साथ ही उन्हें सोशल मीडिया में ‘बहिष्कार’ का भी सामना करना पड़ रहा है।

दक्षिणी दिल्ली के भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी समेत अन्य लोगों ने ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ का समर्थन करने के कारण लोगों से अदाकारा दीपिका पादुकोण की आगामी फिल्म ‘छपाक’ का बहिष्कार करने के लिए कहा है। वहीं विपक्षी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए उनसे 'भारत की आत्म को कुचलना' बंद करने के लिये कहा। लगभग हर कोई इस मसले पर सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा कर रहा है।

ट्विटर पर हैशटैग 'बॉयकॉट छपाक' के जवाब में हैशटैग 'आई सपोर्ट दीपिका' और 'छपाक देखो तपाक से' ट्रेंड करने लगा।

दरअसल, दीपिका हमले का शिकार हुए छात्रों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिये मंगलवार शाम अचानक जेएनयू पहुंच गई थी जहां एक सभा में उनके छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष के साथ खामोश खड़े रहने को फिल्म जगत और उससे बाहर लोगों की प्रशंसा मिली। वहीं दूसरी और एक वर्ग ने शुक्रवार को रिलीज हो रही उनकी फिल्म छपाक के बहिष्कार का आह्वान किया।

शबाना आजमी ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘जब ‘पद्मावत’ को लेकर उन पर हमला हुआ तो बहुत कम लोग ही उनके समर्थन में आए। वह जानती हैं कि निशाना बनना कैसा लगता है। उन्होंने जेएनयू के विद्यार्थियों का समर्थन करके मिसाल कायम की है। दीपिका पादुकोण को और शक्ति मिले।’’

जेएनयू में हिंसा को लेकर सबसे पहले आवाज उठाने वाले कलाकारों में शामिल स्वरा भास्कर ने कहा, ‘‘ बॉलीवुड जेएनयू के रंग में रंग गया।’’

संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में मुखर आवाज उठाने वाले निर्देशक अनुराग कश्यप ने भी अभिनेत्री के प्रति सम्मान जाहिर करते हुए लोगों से उनकी फिल्म का पहला शो देखने की अपील की।

कश्यप ने कहा, ‘‘ यह न भूलें कि दीपिका इस फिल्म की प्रोड्यूसर भी हैं। इसलिए काफी कुछ दांव पर है।’’

निर्देशक विक्रमादित्य मोटवानी ने दीपिका को ‘वास्तविक हीरो’ करार दिया।

फिल्मनिर्माता महेश भट्ट ने कहा , ‘‘हम अब चुप्पी ‘राज’ नहीं रह गए हैं।’’

अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने भी दीपिका की उनके रुख के लिये प्रशंसा करते हुए कहा कि यह शांत रहने का समय नहीं है।

दीपिका के जेएनयू जाने की राजनीतिक गलियारों में भी जोरदार चर्चा हो रही है।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'मोदीजी, भारत की आत्मा को कुचलना बंद करें। आपके भक्तों के अनुसार, 1-कोई कलाकार प्रदर्शन नहीं कर सकता। 2. कोई कलाकार जनहित से जुड़े प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकता। 3. किसी भी कलाकार के पास अपना विचार व्यक्त करने का अधिकार नहीं है।'

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘छपाक एक कलाकार से जुड़ी फिल्म नहीं है बल्कि उन 1,000 महिलाओं के बारे में है जो हर साल तेजाब हमले का शिकार होती हैं। क्या यह (बहिष्कार करना) शर्मनाक नहीं है?’’

दक्षिणी दिल्ली के भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने छपाक का बहिष्कार करने का अनुरोध करते हुए कहा कि देश के खिलाफ खड़ा होने वाले लोगों के साथ दिखने की बजाय बॉलीवुड सितारों से फिल्मों के जरिए देश में युवाओं को सकारात्मक संदेश देने की अपेक्षा होती है।



निर्देशक अपर्णा सेन ने भी दीपिका के रुख की प्रशंसा की।

सेन ने ट्वीट किया, “हर किसी के जीवन में बदलाव के लिए एक मोड़ आता है। मुझे लगता है कि जेएनयू हमला दीपिका के लिए वही मोड़ था। दीपिका को सलाम। देश उनके इस साहसी कदम को याद रखेगा।”

कई सोशल मीडिया यूजर ने लोगों से दीपिका की छपाक की जगह शुक्रवार को ही रिलीज हो रही अजय देवगन की 'तान्हाजी: द अनसंग वॉरियर' देखने की अपील की।

एक सोशल मीडिया यूजर ने दीपिका के कदम को प्रचार का हथकंडा करार देते हुए लिखा, 'शर्मनाक दीपिका। टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े होकर आपने अपनी फिल्म के प्रचार का क्या खूब हथकंडा अपनाया है। लेकिन हम मूर्ख नहीं है। हम आपको बताएंगे कि आपने कितनी बड़ी भूल की है। बॉयकॉट दीपिका।'

एक और यूजर ने लोगों से 'देशद्रोहियों' का समर्थन करने के लिये दीपिका को अन-फॉलो करने का आग्रह किया।

हालांकि छपाक की सह-लेखिका अतिका चौहान ने दीपिका के जेएनयू जाने को फिल्म के प्रचार के साथ जोड़कर देखने की बात को खारिज किया।


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