लखनऊ :समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने छिबरामऊ के निकट बस-ट्रक भिडंत में जिस स्थल पर बस में जलकर यात्री मरे थे वहां दो मिनट मौन रहकर श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवारीजनों से संवेदना व्यक्त की। उन्होने तिर्वा मेडिकल कालेज में घायलों से भी भेंट की। उन्होने छिबरामऊ में गैस सिलेण्डर के हादसे में मृृतक आश्रितों से भी भेंट की और उन्हें सांत्वना दी। लखनऊ से छिबरामऊ के रास्ते सड़को पर जगह-जगह स्वतः स्फूर्त ढंग से नौजवान, महिलाएं, किसान एकत्र हो गए थे। उन्होने श्री अखिलेश यादव की सन्् 2022 में सरकार बनने की कामना की। नौजवानांे की जोरदार नारेबाजी को अखिलेश जी ने रोका। किसानोें ने अपनी व्यथा बतायी भाजपा ने उन्हें धोखा दिया। तमाम लोगों ने शिकायत की कि भाजपाराज में कानून व्यवस्था चैपट है। महिलाएं असुरक्षित हैं। नौजवानों ने अपनी बेरोजगारी की व्यथा बताई।
यादव ने बस दुर्घटना मंे मृतक आश्रितों को भरोसा दिया कि समाजवादी सरकार बनने पर उन्हें 20-20 लाख रूपए की मुआवजा राशि देकर मदद की जाएगी। उन्होने राजकीय मेडिकल कालेज कन्नौज में भर्ती मरीजों को देखने के बाद कहा कि भाजपा सरकार इलाज में भी भेदभाव कर रही है। यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है कि मुस्लिमों के इलाज में कोताही बरती जा रही है। उन्होने कहा कि तालग्राम कट पर अगर फोरेंसिक लैब चालू होती तो शवों का तत्काल परीक्षण हो सकता था।
छिबरामऊ में 100 बेड का नगला दिलू स्थित अस्पताल है जहां 7 लोग भर्ती हैं। लोगों का कहना है यहां प्रशासन की मदद नहीं मिल रही है। छिबरामऊ के इस अस्पताल का निर्माण समाजवादी सरकार में हुआ था। यहां पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव एवं तत्कालीन कन्नौज सांसद श्रीमती डिम्पल यादव के नाम का उद््घाटन का पत्थर लगा हुआ है। यहां एक 100 वर्ष की बुजुर्ग महिला ने अखिलेश जी को आशीर्वाद दिया।
छिबरामऊ में फायर स्टेशन है। इसका उद्घाटन श्री अखिलेश यादव ने किया था। तत्कालीन सांसद श्रीमती डिम्पल यादव भी तब यहां उपस्थित थी। यहां जानकारी मिली कि एक ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी है। वह भी डेढ़ घंटा बाद दुर्घटना स्थल पर पहुंच सकी थी जबकि लगभग 15 मिनट का ही रास्ता है। यहां आसपास गंदगी का अंबार दिखाई दिया। क्या यही भाजपा सरकार का काम करने का तरीका?
नवीन मंडी स्थल के सामने छिबरामऊ में श्री दिनेश शाक्य, एडवोकेट का घर है जहां बस में आग लगी थी। यहां श्री अखिलेश यादव ने मृृतकों को श्रदांजलि दी। श्री यादव श्री सुरेश चैहान के आवास तक भी गए जहां गैस सिलेण्डर में आग लगने से परिवार के 6 सदस्यों की मौत हो गई थी।
श्री अखिलेश यादव सिकंदरपुर, छिबरामऊ स्थित उस पेट्रोल पम्प पर भी रूके जो शहीद कमलेश कुमारी का है। वह संसद पर सुरक्षा में तैनात थी और संसद पर हुए हमले में मारी गई थी। इस पेट्रोल पंप का उद्घाटन तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री श्री रामनाईक ने किया था। इस अवसर पर कन्नौज के सांसद श्री अखिलेश यादव भी थे। लौटते समय बिल्हौर (कानपुर देहात) के मकनपुर में बड़ा उर्स हो रहा था। यह सद्भाव और भाईचारा की मिसाल है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से यह बड़ा मनोरम दृृश्य दिखायी दिया।
श्री अखिलेश यादव ने चिंता जताई है कि देश की अर्थव्यवस्था मंे सुस्ती से एक साल पहले की तुलना में 16 लाख नौकरियां कम सृृजन होने की जानकारी एसबीआई रिजर्व की रिपोर्ट से मिली है। श्रमिकों की वेतन वृृद्धि काफी धीमी हो रही है। मई 2019 में केंद्र सरकार ने भी माना था कि भारत में बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे ऊंचे दर पर पहुंच गई। 7.8 प्रतिशत शहरी नौजवानों के पास नौकरी नहीं थी। वालमार्ट ने सैकड़ों लोगो को नौकरी से निकाल दिया है।
श्री यादव ने कहा कि इस भाजपा सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण मंहगाई दर साढ़े पंाच साल में सबसे ज्यादा बढ़ गई है। सस्ते कर्ज की उम्मीदें धूमिल हुई हैं। जनसामान्य का घरेलू बजट भी चैपट हो गया है। भाजपा को जनता के उत्पीड़न और परेशानियों से खासतौर पर खुशी मिलती है। इसलिए वह मंहगाई पर रोक नहीं लगाती है। भाजपा द्वारा जनता की आर्थिक तंगी से आंखे मूंदे रखना घोर निदंनीय है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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