नयी दिल्ली, : तिहाड़ जेल से रिहा होने के कुछ घंटे बाद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को जामा मस्जिद पहुंचे।
उन्होंने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। उनके साथ समर्थक और स्थानीय लोग भी थे।
आजाद ने संशोधित नागरिकता कानून को निरस्त करने की मांग करते हुए कहा कि देश को एकजुट रखने से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई और चीज नहीं है।
उन्हें गुरुवार की रात जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा किया गया। उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया।
उन्होंने शाहीन बाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और देश के अन्य हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए महिलाओं की तारीफ की।
आजाद ने कहा, ‘‘सीएए विरोधी आंदोलन देश के भविष्य, हमारी पहचान और और संविधान बचाने के लिए है। इसे मजबूत करना हमारा दायित्व है।’’
उन्होंने कहा कि संविधान बचाना लोगों का मूल कर्तव्य है। उन्होंने लोगों से सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का आग्रह किया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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