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भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के स्थापना दिवस के अवसर पर 10वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया

 पूरे देश में 10वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस (एनवीडी) मनाया गया। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम की अध्यक्षता की। केंद्रीय कानून और न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त श्री अशोक लवासा और श्री सुशील चंद्रा, महासचिव श्री उमेश सिन्हा और महानिदेशक श्री धर्मेन्द्र शर्मा ने गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।


एनवीडी 2020 के लिए विषयवस्तु थी मजबूत लोकतंत्र के लिए निर्वाचन साक्षरता जिसने अधिकतम भागीदारी और सूचित और नैतिक मतदान सुनिश्चित करने हेतु सभी के लिए निर्वाचन साक्षरता की दिशा में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की प्रतिबद्धता दोहराई।   यह वर्ष भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने अपनी यात्रा के 70 साल पूरे किये हैं।


राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने सफल, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से 17वें लोकसभा चुनाव का चुनाव कराने के लिए ईसीआई द्वारा किए गए विभिन्न उपायों की सराहना की। राष्ट्रपति ने विशेष रूप से सुदूरतम क्षेत्रों में मतदाताओं तक पहुंचने की पहल की सराहना की जिससे कि मतदाता सूची में उनका नाम शामिल किया जा सके और उन्हें मतदान का अधिकार देने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इसके परिणामस्वरूप 67.47% का ऐतिहासिक मतदान हुआ। उन्होंने छह नए मतदाताओं को बधाई दी जिन्हें आज  चुनावी फोटो पहचान पत्र दिया गया था। राष्ट्रपति ने विशेष रूप से सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार सिद्धांत का भी उल्लेख किया, जिसने सभी भारतीय पात्र नागरिकों को भारतीय गणराज्य की यात्रा की शुरुआत से ही मतदान करने में मदद की। श्री कोविंद ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए कि पिछले लोकसभा आम चुनाव में लिंग अंतर 0.1% से कम हो, किए गए विशेष प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से चुनावी साक्षरता क्लबों के प्रयासों और सुदूर क्षेत्रों में भी पहुंचने में मातृभाषा के उपयोग की सराहना की।


इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों में चुनाव के संचालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अधिकारियों को सर्वश्रेष्ठ निर्वाचन पद्धति अभ्यास के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। जिला प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों के निरंतर प्रयासों के साथ नए पात्र मतदाताओं का नामांकन सुनिश्चित करने, मतदान के अनुभव को सुविधाजनक बनाने के लिए एसवीईईपी एप्स लांच करने, नवोन्मेषी मध्यामों के साथ मतदान का संचालन करने, मतदान केंद्रों पर दिव्यांगजनों को सुविधा प्रदान करने तथा गंभीर चक्रवाती तूफान या सुरक्षा ग्रिड तंत्र के समन्वय जैसी विषम परिस्थितियाँ में चुनौतीपूर्ण काम करने के लिए सराहना की। इसके अतिरिक्त, सीएसओ, सरकारी विभागों और मीडिया हाउसों को मतदाता जागरूकता और आउटरीच के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार भी प्रदान किए गए।


केंद्रीय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद द्वारा दो पुस्तकों का विमोचन किया गया और वे माननीय राष्ट्रपति को भेंट की गईं। पहली पुस्तक बिलीफ इन द बैलट-II थी, जो भारतीय चुनावों के बारे में देश भर से 101 मानव कथाओं का एक संकलन है। चुनाव अधिकारियों और मतदाताओं दोनों की साहसी, दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानियों का यह संकलन चुनाव कर्मियों के साहस, बलिदान और समर्पण के साथ-साथ मतदाताओं के उत्साह और प्रतिबद्धता के अनुभवों को प्रस्तुत करता है।


दूसरी विमोचित पुस्तक द सेंटेनरियन वोटर्स: सेंटिनल्स ऑफ अवर डेमोक्रेसी थी। इस संग्रह में पूरे भारत के 51 शतायु व्यक्तियों की कहानियों और अनुभवों को शामिल किया गया है, जो दुर्गम इलाकों, खराब स्वास्थ्य और अन्य चुनौतियों का सामना करने के बाद घर से बाहर आये और मतदान किया।


अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, कजाकिस्तान, किर्गिज़ गणराज्य, मालदीव, मॉरीशस, नेपाल, श्रीलंका और ट्यूनीशिया के मुख्य चुनाव आयुक्त और वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। ए-डब्ल्यूईबी, आईएफईएस और इंटरनेशनल आईडीईए जैसे चुनावों में काम करने वाले प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। राजनीतिक दलों के सदस्य, विभिन्न देशों के राजनयिकों के अलावा संसद के सदस्य और लोकतंत्र और चुनाव के क्षेत्र में काम करने वाले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी राष्ट्रीय समारोह में शामिल हुए।


राष्ट्रीय मतदाता दिवस (एनवीडी) के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए 2011 से हर साल 25 जनवरी को पूरे देश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है, जिसे इस दिन वर्ष 1950 में स्थापित किया गया था। इस वर्ष ईसीआई स्थापना के 70 गौरवशाली वर्षों को चिह्नित करने के लिए तीन दिनों तक समारोह आयोजित किया गया है। 23 जनवरी को, आयोग ने भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुकुमार सेन की स्मृति में पहली वार्षिक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया। भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने मुख्य व्याख्यान दिया। 24 जनवरी को, "संस्थागत क्षमता को सुदृढ़ बनाने" पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।


एनवीडी समारोह का मुख्य उद्देश्य खासकर नए मतदाताओं को प्रोत्साहित करना, सुविधा प्रदान करना और उनके नामांकन को अधिकतम करना है। देश के मतदाताओं को समर्पित, इस दिन का उपयोग निर्वाचन प्रक्रिया में सूचित भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए  मतदाताओं के बीच जागरूकता फैलाने में किया जाता है।


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