लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की नीतियां और भाषा जनसामान्य को भयभीत कर रही हैं। बुनियादी समस्याओं के समाधान में उसकी तनिक भी रूचि नहीं है। असहमति की आवाज को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। भाजपा लोकतंत्र को धता बताकर मनमानी पर उतर आई है। इसीलिए भाजपा पर जनता का भरोसा नहीं रह गया है।
अखिलेश यादव आज पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में एकत्र कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा एक तो जनविरोधी काम करती हैं दूसरे लोकतंत्रीय व्यवस्था और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने में पीछे नहीं रहती है। भाजपा राज में किसानों, महिलाओं और बच्चियों का उत्पीड़न बढ़ा है। नोटबंदी-जीएसटी से उद्योगधंधे चैपट हुए है और नौजवान बेकार हुए है।
अखिलेश यादव ने कहा कि अजीब बात है कि भाजपा नेतृत्व ने ही विद्वत्ता की ठेकेदारी अपने नाम कर ली है। उनका एक मात्र काम अपने हर गलत काम को सही ठहराना हैं। भाजपा सीएए, एनपीआर, एनआरसी पर भ्रम फैलाने से बाज नहीं आ रही है। इन सबकी समझ लगता है सिर्फ भाजपा वालों को ही है अन्यथा क्या कारण है कि भारत की 90 प्रतिशत आबादी इनके कुत्सित इरादों से खौफजदा हैं। कई राज्य सरकारों ने इनके नए कानूनों के प्रति विरोध जता दिया है। जगह-जगह जनता प्रदर्शन-आंदोलन कर रही है।
यादव ने कहा कि सत्ता प्रतिष्ठान में बैठकर झूठ की इबारत लिखने में कुछ महारत हासिल लोग भी हैं। इनको एक काम सौंपा गया है समाजवादी सरकार के विकास पर अपना ठप्पा लगाकर अपनी वाहवाही के बयान छपवाना। हिंसा पीड़ितों के परिजनों के साथ पुलिस उत्पीड़न और निर्दोषों को जेल में यातना देने की सच्चाई सामने लाने पर भाजपा नेता बौखलाहट के शिकार है। उन्हें इसमें तुष्टीकरण दिखाई देता है जबकि वही इस खेल के पुराने माहिर है। इस सबकी न्यायिक जांच हो तो भाजपाई झूठ की कलई खुलने में देर नहीं लगेगी।
समाजवादी पार्टी तो गरीबों, किसानों के साथ हो रहे अन्याय, नौजवानों की बेरोजगारी और नागरिकों के उत्पीड़न की कार्यवाही के खिलाफ आवाज उठाती रही है। जनता को राहत तभी मिलेगी जब भाजपा का विभेदकारी खेल बंद होगा। इसके लिए ही एनपीआर फार्म न भरने का सत्याग्रह शुरू करने का समाजवादी पार्टी ने निर्णय लिया हैं। गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में ऐसे ही पंजीकरण के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनके रास्ते पर चलकर ही देश आजाद हुआ और अब उनके सत्याग्रह के सहारे ही जनता को गरीब विरोधी भाजपा सरकार की उत्पीड़नकारी नीतियों से मुक्ति मिलेगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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