सीकर।
भारत सरकार द्वारा बनाये संविधान विरोधी नागरिकता सशोधन कानून (CAA) के खिलाफ बीस जनवरी को सीकर मे संविधान बचाओ-देश बचाओ रैली को सफल बनाने के लिये सेक्यूलर दल एक साथ आकर पूरजोर शब्दो मे उक्त कानून का विरोध करते हुये संयुक्त प्रैसवार्ता मे केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।
शहर के सीकर होटल मे आज शाम माकपा, कांग्रेस, बसपा, सपा व भाकपा नेताओं द्वारा की गई संयुक्त प्रैसवार्ता मे सभी ने एक राय से नागरिकता सशोधन कानून को संविधान विरोधी बताते हुये केंद्र सरकार को कठघरे मे खड़ा करते हुये सीकर मे सोमवार को क्रषि उपज मण्डी से कलेक्ट्रेट तक "संविधान बचाओ-देश बचाओ मंच सीकर" के बैनर तले होने वाली विरोध रैली को ऐतिहासिक रैली बनाकर केंद्र सरकार को कड़ा जवाब देने को कहा। प्रैसवार्ता मे माकपा के जिला सचिव, बसपा व सपा के जिलाध्यक्ष, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के प्रतिनिधि के तौर पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष व भाकपा के प्रतिनिधि के अलावा सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मोजूद थे। दूसरी तरफ सीकर सभापति ने अपने दल के पार्षदों की अलग से बैठक करके रैली को सफल बनाने का निश्चय दोहराया।
नागरिकता संशोधन कानून CAA व NRC का विरोध करते हुये पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सुभाष महरिया, कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक व पूर्व केन्द्रीय मंत्री महादेव सिंह, पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक परशराम मोरदिया, कांग्रेस विधायक हाकल अली खांन के अलावा माकपा के पूर्व विधायक कामरेड अमरा राम व कामरेड पेमाराम ने अलग अलग प्रैस ब्यान जारी करते हुये CAA व NRC का कड़ा विरोध करते हुये विरोध रैली को अपना अपना समर्थन देने का कहते हुये रैली मे अधिकाधिक तादाद मे आने की जनता से अपील की है। इसी के साथ साथ आयोजन समिति सीकर शहर के साथ साथ जिले के अन्य कस्बे व गावो मे नूक्कड़ सभाऐ व जनसम्पर्क करके उक्त कानून को संविधान विरोधी बताते हुये उसकी असलियत लोगो को समझाते हुये सभी से रैली मे आकर विरोध करने मे सहभागिता निभाने की अपील कर रहे है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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