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बहुमत के निर्णय का बार स्वागत करती है : विजय पाण्डेय

लखनऊ :: सेना कोर्ट स्थित एएफटी बार एसोसिएशन की बैठक 12 सूत्रीय एजेंडे पर सम्पन्न हुई जिसमे सर्वाधिक विवादित बिंदु अध्यक्ष की मनमानी, उपाध्यक्ष, की आलमारी हटाने, “आजीवन सदस्यता”, “दानदाताओं” की सूची और नोटरी शमशाद आलम द्वारा रु.1000/ मुवक्किल से ऐंठने का मामला प्रमुख रूप से छाया रहा l भारी बहुमत से कार्यकारिणी ने प्रस्ताव पारित किया कि महामंत्री को कोई भी सूचना या निर्देश व्हाट्स एप के बजाय लिखित रूप से दी जाए, उपाध्यक्ष आर चन्द्रा को नोटिस के माध्यम से सूचित करके आलमारी हटाई जाए, “आजीवन सदस्यता”, “दानदाताओं” की सूची में वरिष्ठता का मानक तिथि होगा न कि अध्यक्ष की इच्छा और नोटरी शमशाद आलम का प्रकरण बेहद गंभीर है जो नोटरी अधिनियम के विपरीत है इसलिए उनको नोटिस देकर उनके ऊपर दस हजार रु० का जुर्माना करते हुए रु० 1000/ वापस करने को कहा जाए और उनसे इस बात की लिखित अंडरटेकिंग ली जाए कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी l    


        बार के महामंत्री पंकज कुमार शुक्ला ने कहा की संस्था सर्वोच्च है इसकी सर्वोच्चता को चुनौती कोई नहीं दे सकता इसके लिए नियम कायदे से चलने की आवश्यकता है, बार के प्रवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि बार के अन्दर जो भी विवाद, मतभेद और टकराव थे उस पर बहुमत ने निर्णय ले लिया है और उसका पालन किया जाएगा, बहुमत के फैसले का पूरी बार स्वागत करती है l मीटिंग में अध्यक्ष डीएस तिवारी, उपाध्यक्ष आर चंद्रा, महामंत्री पंकज कुमार शुक्ला, संयुक्त-सचिव ओपी कुशवाहा, कोषाध्यक्ष श्रीमती कविता मिश्र बेलौरा, सदस्य गिरीश तिवारी, श्याम सुंदर बाजपेयी और धर्मराज सिंह मौजूद थे l  


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