गुवाहाटी, : असम के प्रख्यात, नाटककार, साहित्यकार तथा सामाजिक कार्यकर्ता रत्न ओझा का मंगलवार को आयु संबंधी बीमारियों के कारण गुवाहाटी में उनके आवास पर निधन हो गया। ओझा के पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
ओझा 88 वर्ष के थे। उनकी बेटी ओइनीतोम गुवाहाटी में पत्रकार हैं।
सूत्रों ने बताया असम के सांस्कृतिक अगुवा कहे जाने वाले ओझा नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में जारी विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से शामिल थे। उन्होंने निधन से तीन दिन पहले भी रैलियों को संबोधित किया था।
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ओझा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, "मशहूर नाटककार, साहित्यकार तथा सामाजिक कार्यकर्ता रत्न ओझा के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उनके निधन के साथ ही असम ने महान व्यक्ति को खो दिया। हमारी सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।"
सरकारी सूत्रों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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