सूरी (पश्चिम बंगाल), :: बीरभूम जिला प्रशासन ने लोगों को अफवाहों के प्रति जागरुक करने के लिए एक अभियान चलाया है।
दरअसल डिजिटल डेटा एकत्रित कर रहे कार्यकर्ताओं को ग्रामीणों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को संदेह है कि कार्यकर्ता उक्त डेटा प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के लिए जुटा रहे हैं। इसके बाद प्रशासन ने इस तरह के अभियान का फैसला लिया।
अधिकारियों ने बताया कि पंचायत के प्रतिनिधि जन संबोधन प्रणालियों से माध्यम से, घर घर जाकर और पर्चे बांटकर यह अभियान चला रहे हैं।
बृहस्पतिवार को जिले के मारग्राम इलाके के अम्बा में डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम ‘इंटरनेट साथी’ से जुड़ी दो महिलाओं के घर के बाहर भीड़ जमा हो गई थी। पुलिस दल वहां पहुंच गया और भीड़ को घर पर हमला करने से रोक लिया।
इस घटना के एक दिन पहले, बुधवार को मल्लारपुर स्टेशन इलाके के गौरबाजार गांव में भीड़ ने 20 वर्षीय चुमकी खातून के घर को आग लगा दी थी।
उस घटना के संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
खातून एक गैर सरकारी संगठन के साथ काम करती थी जो ग्रामीण महिलाओं को स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना सिखाता था। महिला इस प्रशिक्षण के तहत सामान्य डेटा जुटा रहीं थी।
पुलिस ने इस बात से इनकार किया कि गौरबाजार की घटना एनआरसी से संबंधित थी।
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