नयी दिल्ली, : भारत में ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने बुधवार को कहा कि वह अमेरिका के साथ अपने देश के तनाव को कम करने की दिशा में भारत द्वारा उठाए गए किसी भी कदम का स्वागत करेंगे।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह शुक्रवार को इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव अभूतपूर्व रूप से बढ़ गया है।
ईरान द्वारा इराक स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइल हमला किए जाने के कुछ ही घंटे बाद चेगेनी ने यह बयान दिया है।
ईरान के दूतावास में सुलेमानी के लिए आयोजित श्रद्धांजलि सभा के बाद चेगेनी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दुनिया में शांति बनाए रखने में सामान्य तौर पर भारत बहुत अच्छी भूमिका निभाता है। साथ ही भारत इसी क्षेत्र में है। हम सभी देशों, खास तौर से अपने मित्र भारत की ओर से ऐसे किसी भी कदम का स्वागत करेंगे तो तनाव को बढ़ने ना दे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम युद्ध नहीं चाहते हैं, हम क्षेत्र में सभी लोगों के लिए शांति और समृद्धि चाहते हैं। हम भारत के किसी भी कदम और परियोजना का स्वागत करते हैं जो दुनिया में शांति और समृद्धि लाने में मददगार हो।’’
इराक में अमेरिकी सैन्य बेस पर ईरानी हमले के संबंध में चेगेनी ने कहा कि उनके देश में अपनी सुरक्षा करने के अधिकार के तहत जवाब दिया है।
सुलेमानी की हत्या के बाद ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ और अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ से बातचीत कर बढ़ते तनाव पर भारत की चिंता जतायी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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