(कोमल पंचमटिया) मुंबई, : अभिनेता विक्रांत मेसी का कहना है कि उनके लिए वास्तविक जीवन में आम आदमी ही नायक है और वह पर्दे पर वही दिखाना चाहते हैं।
उनका मानना है कि ‘‘आम आदमी’’ को फिल्म जगत ने बहुत लंबे समय तक नजरंदाज किया है और अपनी फिल्मों के जरिए वह उसे ही पर्दे पर दिखाना चाहते हैं।
उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘यह आम आदमी का समय है। नाली की सफाई करने वाला एक आम आदमी है। आम आदमी सड़कों पर लड़ता दिखाई दे रहा है।’’
निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले विक्रांत कहते हैं कि उनके जीवन के संघर्षों ने ही उन्हें मजबूत बनाया है।
विक्रांत अपनी अगली फिल्म ‘‘छपाक’’ को लेकर बहुत उत्साहित हैं। इस फिल्म में दीपिका पादुकोण तेजाब हमले की शिकार मालती के किरदार में हैं। मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित यह फिल्म लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन से प्रेरित है।
विक्रांत ‘‘छपाक’’ के बारे में कहते हैं कि उनका उद्देश्य तेजाब हमलों के बारे में लोगों को जागरूक करना है।
विक्रांत कहते हैं, ‘‘यह एक जघन्य अपराध है और किसी के साथ भी ऐसा नहीं होना चाहिए। कोई किसी का जीवन इस तरह से तहस-नहस करने का अधिकार नहीं रखता है।”
उन्होंने कहा, ‘‘छपाक के माध्यम से हमने तेजाब हमले के बारे में बात करने की कोशिश की है और हमें उम्मीद है कि लोग इस फिल्म को सही तरीके से लेंगे और इस विषय पर अधिक जागरूक होंगे।’’
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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