नयी दिल्ली, : यूं तो हर तारीख का कोई न कोई इतिहास होता है, लेकिन 10 जनवरी का इतिहास कई मायनों में, खासतौर पर हिन्दी प्रेमी लोगों के लिए काफी अहम है, क्योंकि इस दिन विश्व हिन्दी दिवस होता है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए 2006 में प्रति वर्ष 10 जनवरी को हिन्दी दिवस मनाने की घोषणा की थी। विश्व में हिन्दी का विकास करने और एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसी लिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
देश दुनिया के इतिहास में 10 जनवरी की तारीख में दर्ज कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:- 1616: ब्रिटिश राजदूत सर थॉमस रो ने अजमेर में मुगल बादशाह जहांगीर से मुलाकात की।
1692 : कलकत्ता के संस्थापक जॉब कारनॉक का कलकत्ता में निधन।
1818 : मराठा सेना और ब्रिटिश सेना के बीच रामपुरा में तीसरी और अंतिम लड़ाई हुई, जिसके बाद मराठा नेता भंग हो गई। 1836: प्रोफेसर मधुसूदन गुप्ता ने पहली बार मानव शरीर की आंतरिक संरचना का अध्ययन किया। 1886: भारत के शिक्षाविद, अर्थशास्त्री एवं न्यायविद् जॉन मथाई का जन्म। 1908: हिन्दी के निबन्धकार और साहित्यकार पद्मनारायण राय का जन्म। 1912 : सम्राट जार्ज पंचम और रानी मेरी भारत से रवाना हो गए।
1940: भारतीय पार्श्व गायक और शास्त्रीय संगीतकार के. जे. येसुदास का जन्म। 1946: लंदन में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली बैठक में 51 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
1969: प्रसिद्ध राजनेता एवं लेखक सम्पूर्णानंद का निधन।
1972: पाकिस्तान की जेल में नौ महीने से अधिक समय तक कैद रहने के बाद शेख मुजीब-उर-रहमान स्वतंत्र राष्ट्र बने बंगलादेश पहुंचे।
1974: भारतीय अभिनेता ऋतिक रोशन का जन्म।
1975: नागपुर में प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन। 1987 : पूरी दुनिया का चक्कर लगाने का पहला नौका अभियान बम्बई में पूरा हुआ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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