नयी दिल्ली, : विंटेज या पुराने वाहनों के शौकीनों को जल्द खुशखबरी मिल सकती है। पचास साल से अधिक पुराने इन 'क्लासिक' वाहनों के लिए नियमनों को अंतिम रूप दिये जाने के बाद इन्हें वाहन 'कबाड़' नीति से छूट मिलेगी। इस तरह के वाहनों के लिए विशेष नंबर प्लेट होगी, जिसपर 'वीए' लिखा होगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने विंटेज वाहनों के नियमन और पंजीकरण के लिए अधिसूचना का मसौदा जारी किया है। इसमें विंटेज वाहनों की पंजीकरण संख्या में 'विंटेज' का उल्लेख होगा और इनके लिए विशेष नंबर प्लेट होगी, जिसपर 'वीए' शब्द लिखे होंगे।
अधिसूचना के मसौदे में कहा गया है कि 50 साल से अधिक पुराने वाहनों के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, तकनीकी और कलात्मक महत्व को देखते हुए इनका संरक्षण जरूरी हो जाता है। मोटर वाहन कानून में मिले अधिकारों के तहत यदि केंद्र सरकार इस बात से संतुष्ट हो जाती है कि तकनीकी, मोटरिंग और सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहन के लिए विंटेज वाहनों के संरक्षण के कदम उठाने की जरूरत है, तो वह उनके पंजीकरण या पुन: पंजीकरण के लिए नियमन जारी कर सकती है।
विंटेज मोटर वाहन आदेश, 2019 के नियमन में कहा गया है कि इन वाहनों की पंजीकरण प्लेट उच्च सुरक्षा वाली होगी। नंबर प्लेट पर 'एक्सएक्सवीएवाईवाई' लिखा होगा। इसमें वीए का मतलब विंटेज से, एक्सएक्स का राज्य के कोड से और वाईवाई दो शब्दों की श्रृंखला होगी। उसके बाद 01 से 09 तक नंबर होगा जो राज्य पंजीकरण प्राधिकरण द्वारा आवंटित किया जाएगा।
प्रस्तावित नीति पर अंशधारकों से टिप्पणियां मांगी गई हैं। इससे लोग विंटेज वाहनों की पहचान और नियमन कर सकेंगे। ऐसे वाहनों को वाहन कबाड़ नीति से छूट होगी।
एक अधिकारी ने कहा कि इस कदम का मकसद ऐसे वाहनों के शौकीनों को प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से किसी तरह की परेशानी से बचाना है।
अधिसूचना के मसौदे में कहा गया है कि इस विशेष पंजीकरण के जरिये व्यापक प्रकार की परिस्थितियों में इन वाहनों को सड़कों पर लाया जा सकेगा। वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए ऐसा नहीं किया जा सकेगा। इससे पहले सरकार ने विंटेज कार रैली में भाग लेने के लिए ऐसे वाहनों को बिना पंजीकरण चलाने की इजाजत दी थी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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