लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में बहू बेटियां दहशतभरी जिंदगी जी रही हैं। उनके साथ जिस प्रकार दुष्कर्म, अत्याचार और हत्याओं की खबरें आ रही है, वे दिल दहलाने वाली हैं। सुरक्षा की दृष्टि से प्रदेश की लड़कियों और महिलाओं के लिए यह आज तक का सबसे खराब दौर है, घोर निंदनीय। भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को जघन्य हत्या प्रदेश बना दिया है। कानून व्यवस्था उसके सम्हाले नहीं संभल रही हैं। भाजपा सरकार अपने संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन में विफल है। इसलिए अपनी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए भाजपा सरकार को सामूहिक इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्नाव में एक युवती के साथ बलात्कार के बाद उस पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला देने की लोमहर्षक घटना प्रदेश के लिए कलंक है। रायबरेली में दलित लड़की से रेप के बाद हत्या, चित्रकूट में पुलिस सहायता केन्द्र में बलात्कार के बाद हत्या कर शव फेंका गया। नौ दिन के संघर्ष के बाद संभल की रेप पीड़िता की दर्दनाक मौत। फिरोजाबाद में एक किशोरी से दुष्कर्म। बलिया में नाबालिग से दुष्कर्म। रायबरेली से एक पीड़िता लखनऊ पैदल चलकर परिवार के संग मुख्यमंत्री जी से न्याय मांगने आई थी, उसने निराश हताश होकर इच्छामृत्यु की मांग की है।
ये हालात बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में अपराधी जितने दुस्साहसी हो गए हैं, सरकार उतनी ही असहाय नज़र आती है। दबंगो को खाकी या कानून का कतई डर नहीं रह गया है। मुख्यमंत्री जी के अपराध नियंत्रण के दावे हवाई साबित हो चुके है। झूठे आंकड़ों से बचाव की भाजपा सरकार की कुचेष्ठा शर्मनाक है। यह बात दिन के उजाले की तरह जगजाहिर है कि भाजपा की सरकार शासन करने में पूरी तरह अक्षम है। वह प्रदेश की जनता पर भार स्वरूप है। अन्याय और अपराध का डरावना चेहरा बन चुकी भाजपा सरकार सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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