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तीन प्रौद्योगिकी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया

भारी उद्योग विभाग में सचिव डॉ. ए. आर. सिहाग ने हाल ही में आईआईएससी बैंगलोर और केंद्रीय विनिर्माण प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएमटीआई) बेंगलुरु में तीन प्रौद्योगिकी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने क्रमशः पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल टेस्टिंग एंड रिसर्च सेंटर (सीट्रैक), कोयंबटूर में भी दो प्रौद्योगिकी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।


आईआईएससी बैंगलोर ने डीएचआई के समर्थन से धातु संकलित मुद्रण मशीन के लिए एक तकनीक विकसित की है। यह एक उन्नत तकनीक है और इसे भारत में पहली बार विकसित किया जा रहा है।


डेटा एनालिटिक्स, 3 डी प्रिंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियलिटी, रोबोटिस मशीन टू मशीन कम्युनिकेशन, स्मार्टिंग ऑफ लिगेसी मशीन जैसे उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकी को अपनाने और आत्मसात करने के लिए एवं साथ ही भारतीय विनिर्माण को समर्थन देने के लिए आईआईएससी बैंगलोर में एक 4.0 औद्योगिक समर्थ उद्योग केन्द्र भी बनाया जा रहा है।


डीएचआई की मदद से सीएमटीआई बेंगलुरु में एक संवेदक प्रौद्योगिकी निर्माण / गठन सुविधा भी लाई जा रही है। संवेदक प्रौद्योगिकी विशेष रूप से आंकड़ों के निष्कर्षण के लिए परिकल्पित किए गए कार्य विशिष्ट संवेदक की तैनाती के माध्यम से उत्पादों और मशीनों को उन्नत बनाने में मदद करेगी। नैनो तकनीक की एक और सुविधा सीएमटीआई में आ रही है जो रणनीतिक क्षेत्रों में सटीक विनिर्माण के लिए बेहतर विकल्प प्रदान करेगी।


डीएचआई के समर्थन से पीएसजी कॉलेज कोयंबटूर ने  उद्योग के भागीदारों के साथ मिलकर वेल्डिंग रोबोट, विशेष मिश्र धातु इलेक्ट्रोड, बिजली की आपूर्ति विकसित की।औद्योगिक और जल आपूर्ति अनुप्रयोगों के लिए स्मार्ट सबमर्सिबल पम्पिंग सॉल्यूशंस के विकास के लिए अकादमिक, उद्योग और सरकार तीनों द्वारा सीट्रैक में स्वदेशी तकनीक विकसित की गई है।


भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय में भारी उद्योग विभाग ने नवंबर 2014 में भारतीय पूंजीगत सामान क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए एक पायलट योजना शुरू की थी। यह योजना भारतीय पूंजीगत वस्तुओं के क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह योजना आम औद्योगिक सुविधा केंद्र बनाने के अलावा पूंजीगत सामान क्षेत्र में तकनीकी निर्माण के मुद्दे पर भी ध्यान केन्द्रित करती है।


इस योजना में पाँच घटक-उन्नत उत्कृष्टता केंद्र, एकीकृत औद्योगिक अवसंरचना सुविधाएँ (आईआईएफसी), सामान्य इंजीनियरिंग सुविधा केंद्र (सीईएफसी), परीक्षण और प्रमाणन केंद्र (टी एंड सीसी) और प्रौद्योगिकी अधिग्रहण कोष कार्यक्रम (टीएएफपी) शामिल हैं


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