सूरत, : राजस्थान और गुजरात बाल अधिकार आयुक्तों के एक दल ने और एक एनजीओ ने संयुक्त रूप से रविवार को सूरत से 10 से 16 साल उम्र के 138 बच्चों को बचाया।
अधिकारियों ने बताया कि इन बच्चों को शहर के कपड़ा उद्योग में, होटलों तथा घरेलू कर्मियों के तौर पर काम करने के लिए राजस्थान से लाया गया था।
एक अधिकारी ने बताया कि इन दलों ने नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन के साथ यहां पूना इलाके में एक घर पर छापा मारकर बच्चों को निकाला।
उन्होंने कहा कि छापे में 12 लोगों को पकड़कर सूरत पुलिस के हवाले कर दिया गया।
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य शैलेंद्र पंड्या ने कहा, ''बचाये गये 138 बच्चों में से 128 राजस्थान के, बाकी झारखंड और उत्तर प्रदेश के हैं।12 लोगों को हिरासत में लिया गया है तथा पुलिस को सौंप दिया गया है। हालांकि, मुख्य आरोपी लापता हैं।'' उन्होंने कहा कि अब बच्चों की काउंसलिंग कराके उन्हें तनावमुक्त किया जाएगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ