बेंगलुरु, : हाल ही में एंजियोप्लास्टी से गुजरे वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने यहां एक निजी अस्पताल से रविवार को छुट्टी मिलने पर कहा कि वह बिल्कुल ठीक हैं।
अस्पताल से छुट्टी मिलने से पूर्व यहां संवाददताओं से सिद्धरमैया ने कहा, '' अब कोई दिक्कत नहीं है, मैं बिल्कुल ठीक हूं और एक सामान्य व्यक्ति की तरह मैं अपना काम कर सकता हूं। चिंता की कोई बात नहीं है।
राजनीतिक गतिविधियों में लौटने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शुरू करने से पहले एक सप्ताह तक वह आराम करेंगे ।
सिद्धरमैया (71) का 11 दिसंबर को एंजियोप्लास्टी हुई थी।
डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मियों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, '' अगस्त, 2000 में उनकी दो रक्त शिराओं में रूकावट आ गयी थी फलस्वरूप एंजियोप्लास्टी की गयी थी एवं स्टेंट लगाया गया था ....19 साल बाद उन दो रक्त शिराओं में एक में फिर 95 फीसद रूकावट आ गयी थी। ''
उन्होंने कहा कि परीक्षण के बाद डॉक्टरों ने एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय लिया और नया स्टेंट लगाया गया।
अस्पताल में उन्हें देखने गये मुख्यमंत्री बी एस येदियुरपा समेत अन्य नेताओं को भी धन्यवाद देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा इंसानियत के कारण हुआ और राजनीति में लोग स्थायी दुश्मन या दोस्त नहीं होते हैं।
उनका इलाज करने वाले हृदय चिकित्सक डॉ रमेश ने कहा कि उनके शरीर के सभी जैविक मापदंड सामान्य हैं और वह ठीक हैं।
उन्होंने कहा , '' हमने उन्हें टहलने की सलाह दी है। हमने उन्हें 15 दिनों तक यात्रा नहीं करने को कहा है।''
कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद सिद्धरमैया ने विधायक दल के नेता पद से पिछले सोमवार को इस्तीफा दे दिया था।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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