लखनऊ, : बसपा अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान राज्य में पिछले दिनों हुई हिंसा में मारे गये लोगों के बारे में सही जांच पड़ताल कर, बेकसूर लोगों के परिजन की मदद करने की मांग की है।
मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि सीएए और एनआरसी विरोधी हिंसा में उत्तर प्रदेश में मारे गए लोगों की सही जांच-पड़ताल की जाए और उनमें से जो लोग निर्दोष थे, उनके परिवार की मदद के लिए सरकार आगे आए, तो बेहतर होगा।
मालूम हो कि सीएए के खिलाफ प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत विभिन्न जिलों में पिछले सप्ताह हुई हिंसा में कम से कम 17 लोग मारे गये थे।
मायावती ने पिछले दिनों यह भी कहा था कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली को अधिकृत किया है कि वह पार्टी के स्थानीय नेताओं के साथ प्रदेश भर में सीएए और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों के पीड़ित परिवारों के घर जाएं और उन्हें सांत्वना दें कि इस दुःख की घड़ी में पार्टी उनके साथ है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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