तिरुवनंतपुरम, : केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने पुलिस द्वारा दिल्ली में संशोधित नागरिकता अधिनियम के विरोध के दौरान वामपंथी नेताओं और बेंगलुरु में इतिहासकार रामचंद्र गुहा को हिरासत में लेने की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा है कि केरल संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करेगा।
विजयन ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एनडीए सरकार तानाशाही प्रवृत्ति दिखा रही है। ऐसे हालात तो आपातकाल (1975-77) के दौरान भी नहीं देखे गये थे।
विजयन ने कहा, ''हम दिल्ली में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात और बृंदा करात, भाकपा महासचिव डी राजा और बेंगलुरु में इतिहासकार रामचंद्र गुहा को हिरासत में लेने की कड़ी निंदा करते हैं।''
उन्होंने यह भी कहा, “संवैधानिक मूल्यों की हत्या करने वालों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों में भारतीयों के मन में उनके प्रति गुस्सा और उनकी सच्ची भावनाएं देखने को मिल रही हैं।मैं उन लोगों को सलाम करता हूं जो देश की स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आए हैं।”
उन्होंने ट्वीट किया, “केरल ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि हम सामने खड़े होकर संविधान की रक्षा के लिए लड़ेंगे।”
उन्होंने दावा किया कि सरकार विरोध करने वालों को धमका रही है और उन्हें गिरफ्तार कर रही है।
विजयन ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार ने इंटरनेट और मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
उन्होंने कहा, ''केंद्र को प्रमुख विश्वविद्यालयों और उसके छात्रों पर हमला करना बंद करना चाहिए। सरकार को संवैधानिक मूल्यों और नागरिकों के अधिकारों का हनन करके आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।''
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि बड़े पैमाने पर शुरू हुए विद्रोह दमन की कोशिशों से, यात्राएं बाधित करने से और गिरफ्तारी से कभी हारे नहीं हैं।
उन्होंने सरकार से संशोधित नागरिकता कानून को वापस लेने के लिए कहा है।
राज्य में सीएए के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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