नयी दिल्ली,: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि पिछले छह महीने में 17वीं लोकसभा के दोनों सदन बहुत ही उत्पादक रहे हैं जहां लोकसभा ने 114 प्रतिशत और राज्यसभा ने 94 प्रतिशत काम किया जिसके लिए दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारी, सभी राजनीतिक दल और सभी सांसद बधाई के पत्र हैं ।
आकाशवाणी पर प्रसारित 'मन की बात' कार्यक्रम में अपने संबोधन में उन्होंने कहा, '' हमारी संसद को, लोकतंत्र के मंदिर के रूप में हम जानते हैं। एक बात का मैं आज बड़े गर्व से उल्लेख करना चाहता हूँ कि आपने जिन प्रतिनिधियों को चुन करके संसद में भेजा है, उन्होंने पिछले 60 साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले छह मास में, 17वीं लोकसभा के दोनों सदन, बहुत ही उत्पादक रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि लोकसभा ने 114 प्रतिशत काम किया, तो राज्य सभा ने 94 प्रतिशत काम किया। इससे पहले, बजट-सत्र में, करीब 135 फ़ीसदी काम किया गया था और देर-देर रात तक संसद चली।
मोदी ने कहा कि सभी सांसद इसके लिए बधाई और अभिनंदन के पात्र हैं ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने जिन जन-प्रतिनिधियों को भेजा है, उन्होंने, 60 साल के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। इतना काम होना, अपने आप में, भारत के लोकतंत्र की ताकत का भी, और लोकतंत्र के प्रति आस्था का भी परिचायक है।
मोदी ने कहा, '' मैं दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों, सभी राजनीतिक दलों को, सभी सांसदों को, उनकी इस सक्रिय भूमिका के लिए बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूँ।''
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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