कानपुर (उप्र): फतेहपुर में कथित रूप से बलात्कार के बाद संदिग्ध हालात में जली युवती को बेहद नाजुक हालत के मद्देनजर कानपुर के अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया है।
लाला लाजपत राय अस्पताल के सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉक्टर संजय काला ने बताया कि लड़की की बिगड़ती हालत और सांस लेने में परेशानी की वजह से उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। उन्होंने बताया कि उसकी हालत अब भी बेहद खराब है और उनके कई अंगों ने काम बंद कर दिया है।
फतेहपुर जिले के एक गांव में रहने वाली यह लड़की गत शनिवार को कथित रूप से बलात्कार के बाद संदिग्ध हालात में जल गयी थी। इस मामले में उसके दूर के एक रिश्तेदार को गिरफ्तार किया गया है।
डा.काला ने बताया कि चिकित्सकों की एक टीम लगभग 90 प्रतिशत तक झुलस चुकी उस लड़की की हालत पर लगातार नजर रख रही है।
उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने लड़की के परिजन से कहा था कि वे उसे एयरलिफ्ट कराकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाने के लिये राज्य सरकार से गुजारिश करें, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वे यहां के अस्पताल में हो रहे इलाज से संतुष्ट हैं।
इस बीच, फतेहपुर से मिली रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया पर वायरल एक कथित वीडियो के अनुसार मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी युवक मेवालाल ने पुलिस हिरासत में कहा है कि लड़की ने खुद आग लगायी थी।
यह कथित वीडियो किसी पुलिस कार्यालय का लग रहा है। इसमें एक पुलिसकर्मी मेवालाल से घटना बावत सवाल कर रहा है। इसके जवाब में मेवालाल कह रहा है, ''लड़की से उसका पिछले तीन साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। पंचायत ने निर्णय दिया था कि वह लड़की को छोड़कर परदेश चला जाए। लड़की ने खुद मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगाई है, मुझ पर आग लगाने के लगाए जा रहे आरोप झूठे हैं।''
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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