नयी दिल्ली, : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया और दावा किया कि अब यह साबित हो गया है कि छह साल पहले किए गए वादे झूठे थे।
सिंह ने 'भारत बचाओ रैली' में कहा, '' आज से तकरीबन छह साल पहले मोदी जी ने देश की जनता को बड़े-बड़े सब्जबाग दिखलाए थे। उन्होंने जनता से वायदा किया था कि वो 2024 तक देश की राष्ट्रीय आमदनी को पांच हजार अरब डॉलर तक पहुंचा देंगे, किसानों से उन्होंने वायदा किया था कि किसानों की आमदनी 5 साल में दोगुनी कर दी जाएगी। देश के नौजवानों से उन्होंने ये वादा किया था कि हम हर साल 2 करोड़ नए रोजगार के साधन मुहैया कराएंगे।'' उन्होंने कहा, ''भाइयों और बहनों! अब तो ये साबित हो गया कि ये सब वायदे झूठे थे और देश की जनता को गुमराह करने के लिए उन्होंने जो भी वायदे किए, उनको पूरा करने में ये बिल्कुल नाकाम रहे हैं।'' सिंह ने कहा, ''हमारा फर्ज बनता है कि कांग्रेस पार्टी को मजबूत करें, कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी, राहुल गांधी जी के हाथ मजबूत करें, ताकि हम देश को सही मायने में आगे ले जा सकें।''
उन्होंने कहा, ''सोनिया गांधी जी का संदेश दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए आपकी जिम्मेदारी बनती है और मैं समझता हूं कि ये उत्साह जो आपमें सामने नजर आ रहा है, ये देश को नयी दिशा देने में पूरी तरह से कामयाब होगा।''
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ