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रूस के एकमात्र विमानवाहक पोत में आग लगी

मॉस्को, : रूस के एकमात्र विमानवाहक पोत में आर्कटिक शिपयार्ड में मरम्मत के दौरान गुरुवार को आग लग गई। इस घटना में कम से कम एक कर्मचारी के लापता होने की खबर है।

रूसी समाचार एजेंसियों ने कहा कि 'एडमिरल कुजनेत्सोव' नाम के इस विमानवाहक पोत की मुरमांस्क में दो साल से अधिक समय से मरम्मत चल रही थी। इसे पूर्व में अक्टूबर 2018 में तब नुकसान पहुंचा था जब एक क्रेन इसके डेक से टकरा गया था।

सरकारी समाचार एजेंसी 'रिया नोवोस्ती' ने ज्वेज्दोच्का शिपयार्ड के एक सूत्र के हवाले से कहा कि आग वेल्डिंग कार्य के दौरान लगी।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने ज्वेज्दोच्का शिपयार्ड के प्रवक्ता के हवाले से कहा कि आग लगने की घटना के समय पोत पर 400 से अधिक लोग थे।

वहीं, समाचार एजेंसी इंटरफैक्स ने खबर दी कि आग लगभग 600 वर्ग मीटर (6,500 वर्ग फुट) में फैल गई।

'एडमिरल कुजनेत्सोव' का जलावतरण 1985 में किया गया था और 1997 के बाद इसकी पहली बड़ी मरम्मत की जा रही थी।

मरम्मत का कार्य 2020 के अंत तक पूरा होने और 2021 में नौसेना में इसके फिर शामिल की उम्मीद थी।

इस पोत को 2016 में भूमध्यसागर में और 2017 के शुरू में सीरिया में लक्षित ठिकानों पर हमला करने तथा रूस के सहयोगी सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की मदद करने के लिए तैनात किया गया था।

पिछले साल इसके डेक पर एक क्रेन के गिर जाने से इसे बड़ा नुकसान पहुंचा था और एक कर्मचारी की मौत हो गई थी।

रूसी नौसेना वित्तपोषण, पुराने होते शिपयार्डों और नए पोतों के ऑर्डर में विलंब जैसी समस्याओं से जूछ रही है।

देश में पिछले छह साल में मरम्मत के दौरान पनडुब्बियों में आग लगने की तीन घटनाएं हुई हैं।

देश जब सोवियत संघ के रूप में एकजुट था तो तब इसके पास अपनी शक्ति की बुलंदियों के दौरान पांच विमानवाहक पोत होते थे।

वर्ष 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद रूसी नौसेना के वित्तपोषण में काफी गिरावट आ गई।



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