जयपुर, : राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार पर हमला बोलते हुए सवाल किया कि राजस्थान में सरकार है ही कहाँ? राजे ने एक बयान में कहा कि राजस्थान में सरकार होती तो प्रदेश में क़ानून व्यवस्था का राज होता और हमारी बच्चियाँ सुरक्षित होतीं। महिला सशक्तीकरण की पर्याय भामाशाह योजना बंद नहीं होती। महिलाओं को स्मार्टफ़ोन उपलब्ध कराने वाली भामाशाह डिजिटल योजना ख़त्म नहीं होती। ग़रीबों की लाइफ़ लाइन भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना पर ताले नहीं लगते।
उन्होंने कहा कि यदि राजस्थान में सरकार होती तो मुख्यमंत्री जलस्वावलंबन योजना पर रोक नहीं लगती। नवजवानों को बेरोज़गारी का सामना नहीं करना पड़ता और मज़दूरों को मज़दूरी के लिए तरसना नहीं पड़ता।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में अगर सरकार होती तो लोगों पर टोल टेक्स का भार नहीं पड़ता।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में सरकार होती तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्रदेश के सब किसानों को मिलता। वादे के अनुसार सभी किसानों का पूरा कर्ज माफ़ होता और केंद्र की आयुष्मान भारत योजना लागू करने में राजनीति नहीं होती।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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