सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

प्रेम प्रसंग में प्रेमी ने की प्रेमिका की हत्या

रामपुर : प्रेम प्रसंग के चलते एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को उतारा मौत के घाट इस मामले पर मृतक युवती के परिजनों ने थाने का घेराव कर जमकर उत्पात मचाया और पुलिस के खिलाफ काफी आक्रोश देखने को मिला पुलिस ने इस मामले में आरोपी प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है और मुकदमा दर्ज कर आगे कार्रवाई चल रही है और युवती के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। 


 रामपुर के थाना पटवाई के कलरख गांव निवासी धर्मवीर और सीमा का आपस में प्रेम प्रसंग था इसके चलते दोनों एक दूसरे से चोरी छुपे मिलते थे धर्मवीर की शादी हो गई थी उसके बाद भी धर्मवीर सीमा से मिलता था दोनों का किसी बात पर विवाद हुआ जिसके चलते धर्मवीर ने सीमा की हत्या कर मौत के घाट उतार दिया वहीं जब सीमा कर वापस नहीं आई तब परिजनों सीमा की गुमशुदगी थाना पटवाई में लिखवाई और और और परिजनों ने धर्मवीर पर अपना शक जताया जिस पर पुलिस ने उसको कस्टडी में लेकर पूछताछ की तो धर्मवीर टूट गया और उसने पूरी घटना का इकबाल जुर्म कर लिया कि उसी ने सीमा की हत्या की है। 


 वहीं इस मामले पर पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने बताया 10 तारीख थाना पटवाई पर परिजनों को द्वारा अपनी बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी उनके द्वारा एक आरोपी को नामजद किया गया था पुलिस ने जब उस आरोपी को कस्टडी में लिया तो आरोपी द्वारा कुबूल किया गया उसके द्वारा युवती की हत्या की गई थी  आरोपी की निशानदेही पर ही शव को बरामद किया गया है इसके अलावा यह तथ्य सामने आए हैं जो आरोपी है उसकी पत्नी द्वारा 3 तारीख को जनपद मुरादाबाद में एक मुकदमा दर्ज कराया गया था अपने पति के विरुद्ध जो इस हत्या का मुख्य आरोपी है इसके पश्चात आरोपी ने 9 तारीख को युवती की हत्या की थी अभी तक की पूछताछ में आरोपी ने यह कुबूल किया है मृतक युवती से उसकी पहले से बातचीत चल रही थी और 9 तारीख को उसको उसने बुलाया था और उसकी हत्या की थी फिलहाल इसमें सभी तत्वों की जांच की जा रही है कुछ नंबर हमारे पास आए हैं उन नंबरों की भी जांच की जा रही है एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी आगे जांच का विषय है उसके बाद आगे कार्रवाई की जाएगी। 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...