मेरठ,: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी प्रवीण कुमार पर टीपीनगर थाना क्षेत्र के मुल्ताननगर में एक फैक्ट्री मालिक के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है।
स्कूल बस से बच्चों को उतारने के दौरान कार निकालने के विवाद में यह घटना हुई। यह भी आरोप है कि प्रवीण कुमार ने बाइक पर बैठे बच्चे को उठाकर फेंक दिया। प्रवीण के खिलाफ टीपीनगर थाने में तहरीर दी गई है। हालांकि अभी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
टीपीनगर के थाना प्रभारी दिनेश चंद्र ने रविवार को बताया कि मुल्ताननगर में रहने वाले दीपक शर्मा ने प्रवीण पर आरोप लगाए हैं। दीपक की मूर्तियां बनाने की फैक्ट्री है।
थाना प्रभारी ने बताया कि दीपक के अनुसार उनका बेटा यशवर्द्धन (छह साल) एमपीएस वेदव्यासपुरी में पहली कक्षा में पढ़ता है। शनिवार दोपहर वह मुल्ताननगर में स्कूल बस से यशवर्द्धन को उतार रहे थे। इस दौरान प्रवीण कार लेकर उस तरफ से जा रहे थे। स्कूल बस से बच्चों को उतारने के दौरान रास्ता मामूली रूप से बाधित था। इसे लेकर प्रवीण और दीपक के बीच कहासुनी हो गई।
दीपक का आरोप है कि प्रवीण ने उनके साथ मारपीट की। बाइक पर बैठे उनके बेटे यशवर्द्धन को नीचे फेंक दिया। सूचना मिलने पर दीपक के पिता जितेंद्र शर्मा मौके पर पहुंचे। उनके साथ भी अभद्रता और हाथापाई की गई। आसपास के लोगों के बीच-बचाव कराने पर मामला शांत हुआ। पीड़ित परिवार ने टीपीनगर थाने पहुंचकर प्रवीण के खिलाफ मारपीट की तहरीर दी।
थाना प्रभारी के अनुसार प्रवीण के खिलाफ मारपीट की शिकायत आई है। घटना की जांच की जा रही है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में प्रवीण से बातचीत का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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