लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांगे्रस विधान मण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा 'मोना' ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में दिन प्रतिदिन महिलाओं पर अत्याचार, उत्पीड़न, यौन शोषण की घटनायें बढ़ती ही जा रही हैं। अभी कुछ दिनों पूर्व उन्नाव, शाहजहांॅपुर, संभल, मैनपुरी, लखनऊ आदि में महिलाआंें के साथ बलात्कार और उत्पीड़न की महिलायें शिकार हो चुकी है। अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि कानून का तनिक भी भय उनमें नहीं रह गया है। सरकार का अपराधियों पर नियंत्रण समाप्त हो गया है और प्रदेश में ''कानून का राज'' नहीं बल्कि ''जंगलराज'' कायम हो गया है ।
जनपद फतेहपुर के हुसैनगंज में एक युवती को बलात्कार करने के बाद जिन्दा जला दिया गया, लगभग 90 प्रतिशत से भी अधिक जल चुकी युवती जीवन-मृत्यु से संघर्ष कर रही है और उसका उपचार कानपुर स्थित हैलट अस्पताल में चल रहा है, जहां उसकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
आराधना मिश्रा 'मोना' एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव शुक्ल ने आज कानपुर के हैलट अस्पताल में जाकर पीड़ित युवती का हालचाल लिया एवं पीड़ित परिजनों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो भारतीय जनता पार्टी ''बेटी बचाओं, बेटी पढ़ओं'' का नारा देती है और दूसरी तरफ भाजपा सरकार में बेटियों का ही सबसे अधिक उत्पीड़न हो रहा है। हत्या, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार और उन्हें जलाया जा रहा है। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। यदि इस तरह का कृृत्य करने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की गयी होती तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता था।
विधान मण्डल दल की नेता ने सरकार से मांग की है कि पीड़िता को 50 लाख रुपये आर्थिक मदद और निःशुल्क उपचार कराया जाय तथा दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाय एवं फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाय, जिससे पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। चंूूॅकि पीड़िता के परिजन काफी दहशत में है ऐसे में पीड़िता एवं उनके परिजनों को समुचित सुरक्षा प्रदान की जाय।
नेता, कांगे्रस विधान मण्डल दल के साथ पीड़ित युवती से मिलने वालों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री राजीव शुक्ला के अलावा कानपुर महानगर कांगे्रस कमेटी के पदाधिकारीगण सहित कई गणमान्य नागरिक शामिल थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ