पालघर, : महाराष्ट्र के पालघर जिले में पति की हत्या के आरोप में एक 45 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार महिला पति की शराब पीने की लत से परेशान थी।
पुलिस प्रवक्ता हेमंत काटकर ने बुधवार को कहा कि महिला ने हत्या के बाद पति के शव को घर के प्रवेश द्वार पर रख दिया था ताकि ऐसा लगे की अत्यधिक शराब पीने से नींद में उसकी मौत हुई है।
पुलिस के अनुसार अंकुश चव्हाण (45) पत्नी शोभा के साथ वसई के वलिव क्षेत्र में अपने 19 व 15 साल के दो बेटों के साथ रहते थे।
काटकर ने कहा कि अंकुश अकसर शराब पीकर घर आता था और पत्नी और बच्चों को मारता था। अंकुश को शोभा के चरित्र पर भी संदेह था।
तीस नवंबर की रात को भी अंकुश शराब के नशे में घर आया था और उसने अपनी पत्नी को पीटा था। अधिकारी ने बताया कि जब वह सो रहा था तब महिला ने कथित रूप से दुपट्टे से गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी।
इस कृत्य में उसके पंद्रह वर्षीय बेटे ने उसका साथ दिया। बाद में महिला ने अंकुश का शव घर के प्रवेश द्वार पर रख दिया और बड़े बेटे को बताया कि अत्यधिक शराब पीने से नींद में उसके पिता की मौत हो गयी।
अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने शुरुआत में दुर्घटनावश मृत्यु का मामला दर्ज किया था लेकिन मंगलवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट होने के बाद महिला को गिरफ्तार किया गया। अधिकारी के अनुसार महिला के नाबालिग पुत्र को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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